18वां प्रवासी भारतीय दिवस सम्मेलन जोकि 8 जनवरी से 10 जनवरी 2025 तक ओड़ीशा के भुवनेश्वर में आयोजित हुआ। इस सम्मेलन का औपचारिक उद्घाटन 9 जनवरी 2025 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किया। इस मौके पर प्रधानमंत्री ने प्रवासी तीर्थ दर्शन योजना के तहत प्रवासी भारतीयों के लिए एक विशेष पर्यटक ट्रेन प्रवासी भारतीय एक्सप्रेस की उद्घाटन यात्रा को भी हरी झंडी दिखाई। इस सम्मेलन में त्रिनिदाद और टोबैगो की राष्ट्रपति क्रिस्टीन कार्ला कंगालू प्रवासी भारतीय दिवस सम्मेलन की मुख्य अतिथि हैं। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने ओडिशा के भुवनेश्वर में 18वें प्रवासी भारतीय दिवस सम्मेलन के समापन सत्र को संबोधित किया। राष्ट्रपति ने कहा कि हमारा देश आज वर्ष 2047 तक विकसित भारत की ओर अग्रसर है। उन्होंने प्रवासी भारतीय सम्मान पुरस्कार प्रदान किए। उड़ीसा के भुवनेश्वर में आयोजित तीन दिवसीय 18वें प्रवासी भारतीय दिवस सम्मेलन का सफलता पूर्वक समापन हो गया।
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18वां प्रवासी भारतीय दिवस सम्मेलन |
2047 तक भारत को विकसित राष्ट्र बनाने में प्रवासी भारतीयों की निर्णायक भूमिका है। उड़ीसा के भुवनेश्वर में 18वें प्रवासी भारतीय दिवस सम्मेलन को संबोधित करते हुए, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने यह बात कही। वैश्विक विकास और भारत की विकास यात्रा में प्रवासी भारतीयों की भूमिका की प्रधान मंत्री ने प्रशंसा की उन्होंने फिर दोहराया कि भविष्य युद्ध में नहीं बुद्ध में है।
सम्मेलन में प्रधान मंत्री का संबोधन
प्रधान मंत्री ने कहा कि दुनिया में जब तलवार के जोर पर साम्राज्य बढ़ाने का दौर था, तब हमारे सम्राट अशोक ने यहां शांति का रास्ता चुना था। हमारी इस विरास्त का यह वही बल है, जिसकी प्रेरणा से आज भारत दुनिया को कह पाता है कि भविष्य युद्ध में नहीं है बुद्ध में है। भारत के लोकतांत्रिक मूल्यों के महत्व को उजागर करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत ना केवल लोकतंत्र की जननी है, बल्कि लोकतंत्र हमारी जीवन शैली में समाहित है। प्रधानमंत्री ने इस मौके पर देश की आर्थिक उपलब्धियों का भी जिक्र किया। उन्होंने कहा कि देश विश्व में तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने की ओर अग्रसर है।
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प्रधान मंत्री 18वें प्रवासी भारतीय दिवस सम्मेलन को संबोधित करते हुए |
प्रधान मंत्री ने कहा कि आज जब भारत का चंद्रयान शिवशक्ति पॉइंट पर पहुंचता है तो हम सबको गर्व होता है। आज जब दुनिया डिजिटल इंडिया की ताकत देखकर हैरान होती है, तो हम सब को गर्व होता है। आज भारत का हर सेक्टर आसमान की ऊंचाई छूने के लिए आगे बढ़ रहा है। रिन्यूएबल एनर्जी हो, एविएशन इकोसिस्टम हो, इलेक्ट्रिक मोबिलिटी हो, मेट्रो का विशाल नेटवर्क हो बुलेट ट्रेन प्रोजेक्ट हो, भारत की प्रगति की गति सारे रिकॉर्ड तोड़ रही है। आज भारत मेड इन इंडिया फाइटर जेट बना रहा है। ट्रांसपोर्ट एयरफ बना रहा है और वो दिन भी दूर नहीं जब आप किसी मेड इन इंडिया प्लेन से ही प्रवासी भारतीय दिवस मनाने भारत आएंगे।
प्रधानमंत्री ने कहा कि उपलब्धियों और संभावनाओं के कारण भारत की वैश्विक भूमिका में तेजी से इजाफा हुआ है। प्रवासियों की सुविधा और आराम का जिक्र करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि सुरक्षा और कल्याण सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है। प्रधानमंत्री ने यह भी कहा कि भारत की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत और आर्थिक खुशहाली को दर्शाते हैं।
इस मौके पर प्रधानमंत्री ने प्रवासी तीर्थ दर्शन योजना के तहत प्रवासी भारतीयों के लिए एक विशेष पर्यटक ट्रेन प्रवासी भारतीय एक्सप्रेस की उद्घाटन यात्रा को भी हरी झंडी दिखाई।
प्रधानमंत्री ने देश को विकसित बनाने के लिए प्रवासी भारतीयों से योगदान की अपील की। उन्होंने कहा कि साल 1947 में भारत को आजादी मिली और उसमें एक बड़ा रोल हमारे डायस्पोरा का भी रहा है। उन्होंने विदेशों में रहकर भारत की आजादी के लिए कंट्रीब्यूट किया। अब हमारे सामने 2047 का टारगेट है। हमें भारत को विकसित देश एक डेवलप नेशन बनाना है।
मेड इन इंडिया प्रोडक्ट्स को बढ़ावा देने के साथ-साथ प्रधानमंत्री ने प्रवासी भारतीयों से एक पेड़ मां के नाम लगाने का भी आवान किया। उन्होंने कहा कि अभी कुछ दिन पहले मैं गुयाना (Guyana) गया था। वहां के प्रेसिडेंट के साथ मैंने एक पैड़ मां के नाम इनिशिएटिव में हिस्सा लिया। उन्होंने कहा भारत में करोड़ों लोग यह काम कर रहे हैं। आप भी जिस देश में है, वहां अपनी मां के नाम एक पेड़ जरूर प्लांट करें। मुझे विश्वास है कि आप जब भारत से लौट कर जाएंगे, तो विकसित भारत का रेजोल्यूशन यह संकल्प भी आपके साथ जाएगा।
Pleased to speak at the Pravasi Bharatiya Divas convention in Bhubaneswar. The Indian diaspora has excelled worldwide. Their accomplishments make us proud. https://t.co/dr3jarPSF4
— Narendra Modi (@narendramodi) January 9, 2025
विदेश मंत्री एस जयशंकर
प्रवासी भारतीय सम्मेलन में भारतवंशियों को संबोधित करते हुए विदेश मंत्री एस जयशंकर ने प्रवासी भारतीयों के हितों को सुनिश्चित करने के लिए उठाए जा रहे कदमों का जिक्र किया। उन्होंने कहा कि वे इस बात को लेकर आश्वस्त हो सकते हैं। कि विदेश में मुश्किल समय में भारत सरकार उनकी मदद के लिए हमेशा तैयार है। विदेश मंत्री ने कहा कि उन्हें अपने प्रवासी भारतीयों की उपलब्धियों पर गर्व है। वैश्वीकरण के दौर में हर गुजरते साल के साथ प्रवासी समुदाय का महत्व बढ़ता जा रहा है।
18वां प्रवासी भारतीय दिवस सम्मेलन का विषय
प्रवासी भारतीय दिवस सम्मेलन केंद्र सरकार का प्रमुख कार्यक्रम है जो प्रवासी भारतीयों से जुड़ने और उन्हें एक दूसरे से बातचीत करने में सक्षम बनाने के लिए एक महत्त्वपूर्ण मंच प्रदान करता है। इस वर्ष के प्रवासी भारतीय दिवस सम्मेलन का विषय है, "विकसित भारत में प्रवासी भारतीयों का योगदान"।
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त्रिनिदाद और टोबैगो की राष्ट्रपति क्रिस्टीना कार्ला कंगालू |
सम्मेलन में मुख्य अतिथि का संबोधन
प्रवासी भारतीय दिवस सम्मेलन की मुख्य अतिथि त्रिनिदाद और टोबैगो की राष्ट्रपति क्रिस्टीना कार्ला कंगालू ने वैश्विक विकास में भारत के योगदान का जिक्र किया। दुनिया भर में बसे भारतवंशियों के लिए प्यार और सम्मान के लिए भारत के प्रयासों की सराहना की।
क्रिस्टीना कार्ला कंगालू ने कहा कि भारत 1962 में यूनाइटेड किंगडम से हमारी स्वतंत्रता के बाद त्रिनिनाद और टोबैगो के साथ राजनयिक संबंध स्थापित करने वाले पहले देशों में से एक था, लेकिन भारत के साथ हमारे देश के संबंध उससे बहुत पहले से हैं।
समापन सत्र में राष्ट्रपति ने सम्मेलन को संबोधन करते हुए कहा-
समापन सत्र को संबोधित करते हुए राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने प्रवासी भारतीयों की अलग-अलग क्षेत्रों में योगदान की सराहना की। उन्होंने कहा कि प्रवासी भारतीयों की सफलता की कहानियां ना सिर्फ भारत के लिए गौरव की बात है, बल्कि यह दुनिया भर के लाखों लोगों को प्रेरणा भी प्रदान करती है। राष्ट्रपति ने इस बात पर खुशी जताई कि प्रवासी भारतीय दिवस अब सिर्फ एक आयोजन नहीं है, बल्कि यह एक ऐसा मंच है जहां विचारों का संगम होता है। राष्ट्र निर्माण में प्रवासी भारतीयों की योगदान का जिक्र करते हुए राष्ट्रपति ने कहा कि प्रवासी भारतीयों की सहायता के लिए केंद्र सरकार ने कई अहम कदम उठाए हैं। राष्ट्रपति ने कहा कि प्रवासी भारतीय खासकर महिलाओं ने अलग अलग क्षेत्रों में वैश्विक मंच पर उच्च मानक स्थापित किए। वैश्विक मंच पर भारत के बढ़ते प्रभाव पर राष्ट्रपति ने कहा देश आज ग्लोबल साउथ की आवाज बना है। राष्ट्रपति ने भारत को विकसित राष्ट्र बनाने के लिए प्रवासी भारतीयों से सहयोग की भी अपील की।
प्रवासी भारतीय सम्मान पुरस्कार
इस मौके पर राष्ट्रपति ने 27 लोगों को प्रवासी भारतीय सम्मान पुरस्कार 2025 प्रदान किया। पुरस्कार पाने वालों में त्रिनिदाद और टोबैगो की राष्ट्रपति क्रिस्टीन कार्ला कंगालू, ब्रिटेन से उषा कुमारी पराशर (राजनीति के क्षेत्र में) और अमेरिका की डॉ. शर्मिला फोर्ड (सामुदायिक सेवा के लिए) और सऊदी अरब के डॉ. सैयद अनवर खुर्शीद (चिकित्सा विज्ञान के क्षेत्र में) शामिल है। प्रवासी भारतीय सम्मान पुरस्कार प्रवासी भारतीयों को दिया जाने वाला सर्वोच्च सम्मान है। इस वर्ष सम्मेलन का विषय विकसित भारत में प्रवासी भारतीयों का योगदान था।
इसे भी देखें :-
18वां प्रवासी भारतीय दिवस सम्मेलन || पहला एशियाई बौद्ध सम्मेलन 2024 ||
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By Anil Paal
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