मोदी 3.0 का पहला पूर्ण और निर्मला सीतारमण के द्वारा पेश किया गया आठवा बजट संसद में प्रस्तुत किया गया। वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने अपने बजट भाषण के दौरान कहा कि कोई भी देश सिर्फ अपनी मिट्टी से नहीं बल्कि लोगों से बनता है इसलिए अबकी बार लोगों के लिए बजट में बहुत कुछ खास रहा। चाहे बात शिक्षा की हो नारी की हो गरीबी उन्मूलन की हो टैक्सेस की हो हर तरीके से यह बजट समावेशी बजट रहा। क्या कुछ खास रहा इस बजट में और किस तरीके से यह बजट एक कदम बढ़ाता है। वर्ष 2047 में विकसित भारत बनाने के लक्ष्य की ओर आइए जानते हैं।

देश के वित्तीय भविष्य का खाखा विकास की नई दिशा और आत्मनिर्भर भारत की मजबूत नीव वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने मोदी 3.0 सरकार का पहला पूर्ण बजट पेश किया जो भारत की आर्थिक मजबूती और समावेशी वृद्धि का रोड मैप तय करता है। बजट भाषण के दौरान वित्त मंत्री ने कहा कि विकास की इस यात्रा के चार शक्तिशाली इंजन हैं। कृषि, एमएसएमई, निवेश और निर्यात और इस विकास यात्रा का इंधन है सुधार। नई नीतियों और डिजिटल सुधारों के जरिए अर्थव्यवस्था को गति देना और व्यापारिक सुगमता बढ़ाने के लिए प्रक्रियाओं को सरल बनाना।
बजट 2025-26
बजट में प्रस्तावित विकास उपाय गरीबों, युवाओं, अन्नदाता हों और नारियों को ध्यान में रखते हुए 10 व्यापक क्षेत्रों तक विस्तारित है। यह 10 प्रमुख विकासात्मक क्षेत्र हैं-
- विकास और उत्पादकता में वृद्धि : सभी क्षेत्रों में नवाचार और दक्षता को प्रोत्साहित करना।
- ग्रामीण संपन्नता और अनुकूलन निर्माण : गांवों में बुनियादी ढांचे और आजीविका के साधनों का विस्तार करना।
- समावेशी प्रगति : समाज के हर वर्ग को विकास यात्रा में साथ लेकर चलना।
- मेक इन इंडिया को बढ़ावा : आत्मनिर्भर भारत की दिशा में तेजी से आगे बढ़ना।
- एमएसएमई को सहायता : सुक्ष्म, लघु और मध्य उद्यम को सहायता ताकि छोटे और मझोले उद्योगों को आर्थिक और तकनीकी सहयोग मिले।
- रोजगार द्वारा विकास को समर्थ बनाना : नए अवसरों का सृजन और स्किल डेवलपमेंट हो।
- जनता अर्थव्यवस्था और नवाचार में निवेश : डिजिटल इंडिया और स्टार्टअप इंडिया को बढ़ावा देना।
- ऊर्जा आपूर्ति हों को सुनिश्चित करना : अक्षय ऊर्जा ग्रीन हाइड्रोजन जैसे स्रोतों पर ध्यान देना।
- निर्यात को बढ़ावा देना : भारत को वैश्विक व्यापार का केंद्र बनाना।
- नवाचार को पोषित करना : आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, डिजिटल टेक्नोलॉजी एवं अनुसंधान में निवेश करना।
आर्थिक विकास और समावेशी वृद्धि
इस बजट का मूल मंत्र है विकास और समावेशी वृद्धि। सरकार की प्राथमिकताएं स्पष्ट हैं आर्थिक विकास को बढ़ावा देना, निजी क्षेत्र के निवेश को प्रोत्साहित करना और मध्यम वर्गीय परिवारों की खर्च शक्ति में वृद्धि सुनिश्चित करना।
- भारत की अनुमानित GDP वृद्धि - 7.2% (वित्त वर्ष 2025-26)
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारत वैश्विक विकास की नई ऊंचाइयों की ओर अग्रसर है। विकसित भारत बनने की दिशा में यह बजट एक मजबूत कदम है।
भारत की वैश्विक स्थिति
- भारत की वैश्विक आर्थिक रैंकिंग - विश्व की 5वीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था
- FDI प्रवाह - 85 बिलियन (2024-25 में)
- निर्यात में वृद्धि - 12 प्रतिशत
आने वाले पाच वर्षों में भारत सभी क्षेत्रों में तीव्र विकास सुनिश्चित करेगा। आर्थिक प्रगति के अभूतपूर्व अवसरों को भुनाने के लिए बजट में कई नीतिगत प्राथमिकताओं को शामिल किया गया है।
2025-30 के लिए प्रमुख लक्ष्य
- 100 लाख करोड़ रूपये का इंफ्रास्ट्रक्चर निवेश।
- डिजिटल ट्रांसफॉर्मेशन को बढ़ावा।
- हर घर तक पेयजल योजना।
कृषि ग्रामीण स्मृद्धि और किसानों की आर्थिक सुरक्षा इस बजट की प्राथमिकता है। प्रधान मंत्री धनधान्य कृषि योजना के तहत 100 विकासशील कृषि जिलों को मजबूत बनाया जाएगा।
कृषि और ग्रामीण विकास
- प्रधानमंत्री धन-धान्य कृषि योजना।
- 1.7 करोड़ किसानों को लाभ।
- यसिंचाई परियोजनाएं।
- 10 लाख हेक्टेयर नए सिंचित क्षेत्र।
- फसल बीमा योजना।
- 5 करोड़ किसानों को कवरेज।
सरकार की नीतिगत प्राथमिकताओं में में गरीबी उन्मूलन उच्च गुणवत्ता वाली स्कूली शिक्षा किफायती और सर्व सुलभ स्वास्थ्य सेवाएं शामिल हैं। साथ ही कुशल कामगारों का सशक्तीकरण और रोजगार के व्यापक अवसर इस बजट के प्रमुख बिंदु है।
नीतिगत प्राथमिकताएं
- गरीबी उन्मूलन।
- 5 करोड़ परिवारों को आर्थिक सहायता।
- महिला सशक्तिकरण।
- 70% महिला श्रम भागीदारी का लक्ष्य।
- किफायती स्वास्थ्य सेवाएं।
- 50 नए मेडिकल कॉलेज।
भारत की अर्थव्यवस्था का दूसरा इंजन सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम एमएसएमई सेक्टर है। बजट में छोटे और मजोल उद्योगों को आर्थिक और तकनीकी सहयोग प्रदान किया गया है।
MSME, स्टार्टअप और निवेश
- MSME को वित्तीय सहायता
- 5 लाख करोड़ का क्रेडिट सपोर्ट।
- स्टार्टअप्स के लिए प्रोत्साहन।
- 20,000 करोड़ का इनोवेशन फंड।
- डिजिटल MSME योजना।
- 50 लाख उद्यमों को डिजिटल सहायता।
भारत की आत्मनिर्भरता को मजबूत करने के लिए अक्षय ऊर्जा, ग्रीन हाइड्रोजन और निर्यात को बढ़ावा दिया गया है। वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने बजट के दौरान जोर देकर बोला कि अगर वर्ष 2047 तक भारत को विकसित बनाना है तो उसके लिए हर कीमत पर 100 गीगावाटस प्रमाणु उर्जा तैयार करनी होगी। वित्तमंत्री ने उम्मीद जताई कि 8 वर्ष के अंदर में कम से कम पाच छोटे न्यूक्लियर रिएक्टर भारत तैयार कर लेगा।
ग्रीन एनर्जी, हाइड्रोजन मिशन, निर्यात योजनाएं
- ग्रीन हाइड्रोजन मिशन।
- 19744 करोड़ का निवेश।
- सौर ऊर्जा उत्पादन।
- 500 गीगावाट का लक्ष्य।
- निर्यात वृद्धि।
- 25 लाख करोड़ का कुल लक्ष्य।
बजट में उच्च गुणवत्ता वाली शिक्षा और किफायती स्वास्थ्य सेवाओं पर विशेष ध्यान दिया गया है। इससे युवा भारत को एक उज्जवल भविष्य की ओर ले जाया जाएगा।
शिक्षा और स्वास्थ्य
- नई शिक्षा नीति के तहत सुधार।
- 1000 नए स्कूल अपग्रेड।
- AI और डिजिटल शिक्षा।
- 10,000 करोड़ का आवंटन।
- नए अस्पताल और हेल्थकेयर केंद्र।
- 200 जिलों में नए हेल्थ हब।
आम बजट पेश करते हुए वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने बिहार के लिए कई अहम घोषणाएं की इनमें मखाना बोर्ड की स्थापना, पश्चिमी कोसी नहर परियोजना के लिए वित्तीय सहायता और आईआईटी पटना की क्षमता विस्तार जैसी योजनाएं भी शामिल है।
यह बजट केवल संख्याओं का दस्तावेज नहीं है बल्कि भारत के भविष्य की दिशा तय करने वाला एक ऐतिहासिक कदम है।
विकसित भारत 2047 लक्ष्य
- 5 ट्रिलियन डॉलर इकोनॉमी।
- अगले 5 वर्षों में 500 लाख करोड़ रूपए का निवेश।
- नवीनतम आर्थिक सुधारों का प्रभाव।
- रोजगार, उद्यमिता और डिजिटल प्रगति।
कृषि, एमएसएमई, निवेश और निर्यात यदि यह चारों मेजर इंजन है तो इंधन का सुधार करता है। यह कहा वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने। बहरहाल यह बजट कैसा था। इसके मेजर पॉइंट्स हमने आपको बताए निश्चित रूप से यह बजट भारत के विकास की एक नई राह तय करता है।
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By Anil Paal
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