Ticker

6/recent/ticker-posts

18th Pravasi Bharatiya Divas Conference || 18वां प्रवासी भारतीय दिवस सम्मेलन

टेंपल सिटी के नाम से मशहूर भुवनेश्वर इतिहास को अपने भीतर समेटे हुए एक शहर विरासत और उड़ीसा की सांस्कृतिक पहचान के प्रतीक भुवनेश्वर ने भारत की धरती से दूर बसे प्रवासी भारतीयों का स्वागत किया। 18वां प्रवासी भारतीय दिवस सम्मेलन 8 जनवरी से 10 जनवरी 2025 तक ओड़ीशा भुवनेश्वर में आयोजित हुआ। हर दो साल में एक बार देश में प्रवासी भारतीय सम्मेलन का आयोजन किया जाता है। इस साल भुवनेश्वर में इसका आयोजन किया जा रहा है, यह 18वां ऐसा आयोजन है।

18th Pravasi Bharatiya Divas Conference  || 18वां प्रवासी भारतीय दिवस सम्मेलन
18वां प्रवासी भारतीय दिवस सम्मेलन

18वां प्रवासी भारतीय दिवस सम्मेलन (18th Pravasi Bharatiya Divas Conference )

प्रवासी भारतीय दिवस सम्मेलन की शुरुआत युवा प्रवासी भारतीय दिवस कार्यक्रम से हुई। सम्मेलन का उद्घाटन विदेश मंत्री एस जयशंकर, युवा मामलों और खेल मंत्री मनसुख मांडविया और उड़ीसा के मुख्यमंत्री मोहन चरण मांझी ने किया। समारोह में विदेश मंत्री ने देश में आए बदलाव का जिक्र किया। उन्होंने भारत के विकास के लिए युवा पीढ़ी की भूमिका को अहम करार दिया। भारत दुनिया का सबसे युवा देश है। आज का युवा वर्ग ना केवल देश के भविष्य का निर्माण कर रहा है, बल्कि वैश्विक मंच पर भी अपनी काबिलियत का लोहा मनवा रहा है। इस बार सम्मेलन की थीम "विकसित भारत में प्रवासी भारतीयों का योगदान " है। तीन दिवसीय इस सम्मेलन के दौरान देश और विदेश से 5000 से ज्यादा प्रतिनिधि शिरकत कर रहे हैं।

ओड़ीशा को हमेशा से संतों और विद्वानों की धरती कहा जाता है। भारत की सांस्कृतिक समृद्धि को संजोए रखने में ओड़ीशा ने अहम भूमिका निभाई है। अपनी समृद्ध कला संस्कृति और विरासत के लिए प्रसिद्ध ओड़ीशा दुनिया भर से आए प्रवासी भारतीयों के स्वागत में जुटा हुआ है। वास्तु और विज्ञान के बेजोड़ संगम की धरती पर पहली बार प्रवासी भारतीय दिवस सम्मेलन का आयोजन हो रहा है।

18th Pravasi Bharatiya Divas Conference  || 18वां प्रवासी भारतीय दिवस सम्मेलन
विदेश मंत्री एस जयशंकर सम्मेलन को संबोधित करते हुए

विदेश मंत्री एस जयशंकर का सम्बोधन

प्रवासी भारतीय दिवस सम्मेलन को संबोधित करते हुए, विदेश मंत्री एस जयशंकर ने प्रवासी भारतीयों की महत्त्वपूर्ण उपलब्धियों और भारत के विकास के प्रति उनकी अटूट प्रतिबद्धता का जिक्र किया। उन्होंने प्रवासी भारतीय समुदाय से भारतीय पर्यटन को बढ़ावा देने और नियमित अंतराल पर भारत आने की अपील की। जिससे उनका भारत से और जुड़ाव हो सके। विदेश मंत्री ने भारत और उसके वैश्विक समुदाय के बीच संबंधों को मजबूत करने, सहयोग को बढ़ावा देने और देश की प्रगति के लिए प्रवासी भारतीयों की विशेषज्ञता का लाभ उठाने के महत्व पर जोर दिया।

18th Pravasi Bharatiya Divas Conference  || 18वां प्रवासी भारतीय दिवस सम्मेलन
खेल मंत्री मनसुख मांडविया सम्मेलन को संबोधित करते हुए

खेल मंत्री मनसुख मांडविया का सम्बोधन

युवा मामलों और खेल मंत्री मनसुख मांडविया ने प्रवासी भारतीयों से देश को विकसित बनाने के लिए अपना योगदान देने की अपील की। उन्होंने कहा कि आप सब प्रवासी भारतीय के रूप में जब देश में आए हैं। तब प्रधानमंत्री जी ने हमें कई बार कहा कि आप इस कार्यक्रम में भी आते हैं। उसके अलावा भी आपका रिश्ता है, आपका परिवार है, आपका विलेज है, आपका स्टेट है, जब जब आप भारत आओगे तब वहां के लोगों को भी  भारत में लेकर आना, देश को दिखाना, देश की डायवर्सिटी की पहचान कराना और वहां जो ज्ञान है, वह भी लाना है, वहां का अनुभव भी लाना है और हमारे देश के साथ उसको साझा करना है। हम सब लोग भारतवासी 35 मिलियन भारतवासी जो हमारे प्रवासी भारतीय है। हम सब लोग देश के लिए, भारत को विकसित बनाने के लिए अपनी अपनी तरह से, अपने से जो भी हो सके वह देश के लिए कंट्रीब्यूट करके, हम 2047 में भारत को विकसित भारत के रूप में दुनिया के सामने लाए। यही आप सबसे अपेक्षा है।

प्रवासी भारतीय सम्मेलन का उद्देश्य

प्रवासी भारतीय सम्मेलन यानी देश से बाहर गए लोगों को उनकी माटी से जोड़ना यानी मुल्क से जोड़ना या यूं कहे कि अपनी जड़ों से जुड़े रहने का अवसर है। प्रवासी भारतीय सम्मेलन भले ही भारतवंशी अपने देश से दूर हो लेकिन अपनी मिट्टी अपने वतन से प्यार करते हैं। ऐसे में इस तरह के आयोजनों से उनको अपने देश के करीब आने का मौका मिलता है।

दुनिया का शायद ही कोई ऐसा देश हो जहां भारतीय मूल के लोग नहीं है। एक अनुमान के मुताबिक दुनिया में भारतीय मूल और अप प्रवासी भारतीयों की कुल आबादी साढ़े तीन करोड़ से अधिक है। किसी भी दूसरे देश की तुलना में भारतवंशी प्रवासी भारतीयों की संख्या दुनिया में सबसे अधिक है। ज्यादातर यूरोप ब्रिटेन अमेरिका ऑस्ट्रेलिया और अरब की खाड़ी के देशों में भारतीय मूल के लोग निवास करते हैं।

प्रवासी भारतीयों का देश की अर्थव्यवस्था में योगदान

प्रवासी भारतीयों का देश की अर्थव्यवस्था में बहुत ही अहम योगदान रहता है। 2023 के विश्व बैंक के आंकड़ों के मुताबिक प्रवासी भारतीयों ने कुल करीब 120 अरब डॉलर की राशि भेजी। यह राशि 2024 में 124 अरब डॉलर और 2025 में 129 अरब डॉलर पहुंचने का अनुमान है। वर्ष 2023- 24 में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश और पोर्टफोलियो निवेश दोनों मिलाकर मात्र 54 अरब डॉलर का रहा यानी अप्रवासी भारतीयों द्वारा कुल विदेशी निवेश के दोगने से भी ज्यादा धन प्रेषित किया गया।

यह सम्मेलन भारत और प्रवासी भारतीयों के बीच संपर्क और सांस्कृतिक आदान प्रदान को बढ़ावा देता है। शिखर सम्मेलन प्रवासी भारतीय समुदायों के बीच भारतीय संस्कृति परंपराओं और मूल्यों को संरक्षित करने में मद्द करता है।

प्रवासी भारतीय दिवस के आयोजन का प्रारम्भ

साल 2003 से पहले ऐसे आयोजन नहीं हुआ करते थे। 2003 में अटल बिहारी वाजपेई के प्रधानमंत्री काल में यह आयोजन शुरू हुआ। अब यह स्थाई और भव्य आयोजन होने के साथ-साथ प्रभावी भी होता जा रहा है। पहला प्रवासी भारतीय दिवस 9 जनवरी 2003 को मनाया गया था। 2003 से 2015 तक यह सम्मेलन हर साल मनाया जाता था, लेकिन उसके बाद इसके प्रारूप को संशोधित किया गया बाद से यह सम्मेलन हर दो साल में एक बार मनाया जाता है।

अब तक भारत के विभिन्न स्थानों पर 17 प्रवासी भारतीय दिवस आयोजित किए जा चुके हैं। पहला आयोजन साल 2003 में नई दिल्ली में आयोजित किया गया। वहीं साल 2023 में इसका आयोजन इंदौर में किया गया। इस अवसर को मनाने के लिए 9 जनवरी का दिन इसलिए चुना गया क्योंकि 1915 में इसी दिन महात्मा गांधी सबसे महान प्रवासी दक्षिण अफ्रीका से भारत लौटे थे। भारत के स्वतंत्रता संग्राम का नेतृत्व किया और भारतीयों के जीवन को हमेशा के लिए बदल दिया

सम्मेलन का औपचारिक उद्घाटन 9 जनवरी को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किया। त्रिनिदाद और टोबैगो की राष्ट्रपति क्रिस्टीन कार्ला कंगालू प्रवासी भारतीय दिवस सम्मेलन की मुख्य अतिथि हैं।

इसे भी देखें :- 

By Anil Paal

एक टिप्पणी भेजें

0 टिप्पणियाँ