प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का जॉर्ज टाउन में पारंपरिक स्वागत किया गया। प्रधानमंत्री को गार्ड ऑफ ऑनर दिया गया। यह 56 वर्षों में किसी भारतीय प्रधानमंत्री का गुयाना का पहला दौरा है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गुयाना के राष्ट्रपति मोहम्मद इरफान अली की बैठक हुई। बातचीत के दौरान दोनों नेताओं ने अपने देशों के बीच विकासात्मक सहयोग की समीक्षा की। इसमें कौशल विकास, क्षमता निर्माण, कृषि, फार्मास्यूटिकल, शिक्षा और ऊर्जा जैसे क्षेत्रों में सहयोग शामिल है। इसके बाद दोनों नेताओं की अगुवाई में दोनों देशों के बीज जॉर्ज टाउन में प्रतिनिधि मंडल स्तर की वार्ता हुई। इसमें द्विपक्षीय सहयोग के विभिन्न मुद्दों पर चर्चा की गई। इसके बाद दोनों देशों के बीच समझौतों पर हस्ताक्षर किए गए। भारत और गुयाना ने स्वास्थ्य, हाइड्रोकार्बन, कृषि और अन्य क्षेत्रों में सहयोग बढ़ाने के लिए 10 समझौतों पर हस्ताक्षर किए है। चिकित्सा उत्पादों जन औषधि योजना सांस्कृतिक आदान प्रदान गुयाना के राष्ट्रीय संचार नेटवर्क के बीच प्रसारण के क्षेत्र में सहयोग पर समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए गए।

गुयाना में प्रधानमंत्री का सम्बोधन
प्रधानमंत्री ने बताया की बैठक में हमने आपसी सहयोग को मजबूत करने के लिए कई नए इनिशिएटिव की पहचान की है। आपसी व्यापार और आर्थिक सहयोग को बढ़ाने के लिए हम निरंतर प्रयास करते रहेंगे। उन्होंने कहा गुयाना के लोगों की आवश्यकताओं के अनुरूप उनकी स्किल डेवलपमेंट और कैपेसिटी बिल्डिंग में भारत ने महत्त्वपूर्ण योगदान दिया है। यह भारत के लिए उच्च प्राथमिकता का विषय है। हम इस सहयोग को आगे बढ़ाएंगे। उन्होंन कहा कृषि के क्षेत्र में हमारा करीबी सहयोग रहा है। पिछले वर्ष भारत द्वारा दिए गए मिलेट सीड्स से हम गुयाना के साथ-साथ पूरे क्षेत्र की फूड सिक्योरिटी बढ़ाने में अपना योगदान दे सके। उसी प्रकार राइस मिलिंग, शुकर केन, कोन, सोया तथा अन्य फसलो की खेती बढ़ाने में भी हम सहयोग करेंगे। उन्होंने कहा हम दोनों देशों के कृषि अनुसंधान संस्थानों के बीच सहयोग बढ़ाने पर भी सहमत हुए हैं। कृषि के क्षेत्र में किए जा रहे एमओयू से हमारे प्रयासों को बल मिलेगा। उन्होंने कहा भारत फार्मा प्रोडक्ट के लिए गुयाना का महत्त्वपूर्ण स्रोत है। हम फार्मा एक्सपोर्ट बढ़ाने के साथ-साथ गुयाना में जन औषधि केंद्र बनाने पर भी काम करेंगे।
प्रधानमंत्री ने बताया की बैठक में हमने कई वैश्विक एवं क्षेत्रीय मुद्दों पर भी चर्चा हुई। भारत और गुयाना सहमत है कि सभी समस्याओं का समाधान डायलॉग और डिप्लोमेसी से होना चाहिए। हम एकमत है कि ग्लोबल इंस्टिटयूशन में सुधार आज के समय की मांग है। क्लाइमेट जस्टिस हम दोनों के लिए प्राथमिकता का विषय है। सभी विषयों पर हम मिलकर प्रयास करते रहेंगे।
प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत से यहां आए लोगों ने हमारे संबंधों की आधारशीला रखी है। आज भारतीय समुदाय के लोगों का गुयाना के विकास में महत्त्वपूर्ण योगदान है। उन्होंने कहा दोनों देशों के बीच 2027 तक कल्चरल एक्सचेंज एग्रीमेंट पर सहमति बनी है। राष्ट्रपति इरफान अली को आभार व्यक्त करते हुए कहा कि राष्ट्रपति इरफान अली भारतीय समुदाय के लोगों की भलाई के लिए सदैव तत्पर रहे हैं।
सम्बोधन के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गुयाना के राष्ट्रपति इरफान अली ने एक पेड़ मां के नाम पहल के तहत जॉर्ज टाउन में एक पौधा भी लगाया।

गुयाना में प्रधानमंत्री का स्वागत समारोह
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के गुयाना पहुंचने पर उनका जोरशोर से स्वागत किया गया। हवाई अड्डे पर प्रधानमंत्री मोदी के आगमन पर गुयाना के राष्ट्रपति डॉक्टर मोहम्मद इरफान अली और गुयाना के प्रधानमंत्री मार्क एंथनी फिलिप्स ने गर्मजोशी से उनकी अगवानी की। इस स्वागत समारोह में गुयाना सरकार के एक दर्जन से ज्यादा कैबिनेट मंत्री भी मौजूद थे।
Highlights from yesterday’s memorable welcome in Guyana…. pic.twitter.com/cBJf99xSVB
— Narendra Modi (@narendramodi) November 20, 2024
होटल पहुंचने पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का स्वागत गुयाना के राष्ट्रपति मोहम्मद इरफान अली के साथ-साथ बारवा डोस के प्रधानमंत्री मिया आमोर मोटली और ग्रेनेडा के प्रधानमंत्री डिकॉन मिशेल ने किया। हवाई अड्डे से लेकर होटल में स्वागत के दौरान गुयाना सरकार का पूरा मंत्रीमंडल मौजूद था। इसके अलावा गुयाना के कई कैबिनेट मंत्रियों की उपस्थिति में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का भारतीय समुदाय और भारत गुयाना प्रवासी समुदाय की ओर से जोरदार स्वागत किया गया। भारत गुयाना की घनिष्ठ मित्रता के प्रमाण के रूप में जॉर्ज टाउन के मेयर ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को जॉज टाउन शहर की चाभी भी सौंपी।

दूसरा भारत कैरीकॉम शिखर सम्मेलन
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुयाना के जॉर्ज टाउन में दूसरे भारत कैरीकॉम शिखर सम्मेलन में शिरकत की। सम्मेलन के उद्घादन भाषण में प्रधानमंत्री ने कहा कि यह शिखर सम्मेलन 5 साल बाद हो रहा है और इन 5 वर्षों में विश्व में कई बदलाव देखे गए हैं। इस दौरान मानवता को कई बड़ी कठिनाइयों का सामना करना पड़ा है। जिसने ग्लोबल साउथ के देशों को बुरी तरह से प्रभावित किया है। प्रधानमंत्री ने कैरेबियन क्षेत्र में तूफान बेरिल के दौरान हुए नुकसान पर भारत के लोगों की ओर से दुख जताया।
प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत कैरीकॉम सदस्य देशों के साथ एक भरोसेमंद भागीदार की तरह आगे बढ़ रहा है। भारत स्कॉलरशिप ट्रेनिंग और तकनीकी सहायता के माध्यम से कैरीकॉम देशों की कैपेसिटी बिल्डिंग में अपना योगदान दे रहा है। उन्होंने भारत की ओर से दी जा रही आईटेक स्कॉलरशिप में अगले 5 वर्ष के लिए 1000 स्लॉट्स की वृद्धि का प्रस्ताव रखा।
प्रधानमंत्री ने कहा हमने युवाओं की टेक्निकल ट्रेनिंग और स्किल डेवलपमेंट सेंटर बनाया है। सभी कैरीकॉम देशों द्वारा इसके इस्तेमाल के लिए हम इसके स्केल और साइज का विस्तार करेंगे। हम कैरीकॉम क्षेत्र के लिए फॉरेंसिक सेंटर बनाने पर भी काम करेंगे। उन्होंने कहा भारत में सिविल सर्वस की निरंतर कैपेसिटी बिल्डिंग के लिए हमने आई गॉट कर्मयोगी पोर्टल बनाया है। इस पोर्टल पर टेक्नोलॉजी, एडमिनिस्ट्रेशन, कानून, शिक्षा जैसे क्षेत्रों में ऑनलाइन कोर्सेस उपलब्ध है। कैरीकॉम देशों के लिए एक ऐसा ही पोर्टल तैयार किया जा सकता है।
प्रधानमंत्री ने स्वच्छ ऊर्जा जलवायु परिवर्तन और कृषि क्षेत्र में नई तकनीकी के इस्तेमाल के लिए मिलकर काम करने का सुझाव दिया।उन्होंने बताया की एग्रीकल्चर एंड फूड सिक्योरिटी कृषि क्षेत्र में ड्रोन, डिजिटल फार्मिंग, फार्म मैकेनाइजेशन, सॉइल टेस्टिंग, जैसी तकनीकों से भारत में कृषि का स्वारूप बदला है। नैनो फर्टिलाइजर्स के साथ-साथ हम नेचुरल फार्मिंग पर भी बल दे रहे हैं। फूड सिक्योरिटी को बढ़ावा देने के लिए हम मिलेट्स को प्रमोट कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि भारत की पहल पर यूएन ने वर्ष 2023 को अंतर्राष्ट्रीय मिलेट वर्ष घोषित किया था। मिलेट्स एक ऐसा सुपर फूड है जो किसी भी क्लाइमेट में ग्रो कर सकता है। कैरीकॉम देशों के लिए भी यह क्लाइमेट चेंज का सामना करने के साथ-साथ फूड सिक्योरिटी बढ़ाने का प्रभावी माध्यम बन सकता है।
प्रधानमंत्री ने भारत में बनाए गए UPI को अपनाने और मिलकर काम करने का प्रस्ताव रखा
प्रधानमंत्री ने बताया की भारत में एक क्लिक से करोड़ों लोगों को डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर किए जाते हैं। भारत द्वारा बनाए गए यूपीआई यानी यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस से यूएई, सिंगापुर, फ्रांस, श्रीलंका, नेपाल जैसे देश जुड़ चुके हैं। प्रधानमंत्री ने प्रस्ताव रखा की कैरिकॉम देशों में भी इसकी ए़डॉप्शन के लिए हम मिलकर काम कर सकते हैं।
उन्होंने यह भी बताया कि सायान्य जन द्वारा अपने सभी दस्तावेजों को सुरक्षित तरीके से स्टोर करने के लिए हमने क्लाउड बेस डिजिटल लॉकर प्लेटफार्म बनाया है। हम कैरीकॉम देशों में इसे पायलट प्रोजेक्ट के रूप में लॉन्च कर सकते हैं।
प्रधानमंत्री ने शिखर सम्मेलन की मेजबानी के लिए गुयाना के राष्ट्रपति मोहम्मद इरफान अली को धन्यवाद दिया। शिखर सम्मेलन में सदस्य देशों के शासना अध्यक्षों और विदेश मंत्रीयों ने हिस्सा लिया। दूसरे भारत कैरीकॉम शिखर सम्मेलन से इतर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जॉर्ज टाउन में कैरेबियन देशों के नेताओं से मुलाकात भी की।

प्रधानमंत्री का गुयाना में सम्मान
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को गुयाना के सर्वोच्च राष्ट्रीय सम्मान द ऑर्डर ऑफ एक्सीलेंस से सम्मानित किया गया। उन्हों यह सम्मान उनके दूर दृष्टि वाले नेतृत्व विकासशील देशों के अधिकारों की वैश्विक मंचों पर पैरवी करने, वैश्विक समुदाय के लिए असाधारण सेवा और भारत गुयाना संबंधों को मजबूत करने की प्रतिबद्धता के लिए प्रदान किया गया। प्रधानमंत्री ने सम्मान को भारत की जनता और दोनों देशों के लोगों के बीच गहरे ऐतिहासिक संबंधों को समर्पित किया। प्रधानमंत्री ने कहा कि गुयाना की उनकी सरकारी यात्रा दोनों देशों के बीच मित्रता को प्रगाढ़ करने की प्रतिबद्धता की परिचायक है। प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत गुयाना के संबंध साझा ऐतिहासिक सांस्कृतिक विरासत और परस्पर विश्वास पर आधारित है। भारत गुयाना के साथ हर क्षेत्र में कंधे से कंधा मिलाकर काम करने को तैयार है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को डोमिनिका अवार्ड ऑफ ऑनर से भी सम्मानित किया गया। प्रधानमंत्री ने इस सम्मान के लिए डोमिनिका के राष्ट्रपति सिलवेनया बर्टन का आभार जताया। उन्होंने कहा की भारत और डोमिनिका दो डेमोक्रेसी है। साथ-साथ हम दोनों पूरे विश्व के लिए महिला सशक्तिकरण के रोल मॉडल है। दोनों ही देशों में महिला राष्ट्रपति है। भारतीय राष्ट्रपति माननीय मुर्मू जी जनजातीय समाज से आने वाली पहली राष्ट्रपति है। उसी तरह राष्ट्रपति बर्टन भी डोमिनिका की पहली इंडि जूनियस राष्ट्रपति है। आप दोनों विश्व की महिलाओं के लिए प्रेरणा का स्रोत है। उन्होंने कहा कि यह पुरस्कार भारतवासियों को समर्पित है। यह हमारे देशों के बीच अटूट बंधन का भी परिचायक है।
Honoured to be conferred with highest national award by Dominica. I dedicate it to the 140 crore people of India. https://t.co/ixOaIzD8gF
— Narendra Modi (@narendramodi) November 20, 2024
By Anil Paal
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