डेंटल केयर की डिमांड कभी भी खत्म नहीं होती। जी हां हर क्लीनिक हर हॉस्पिटल और हर घर में डेंटल प्रोडक्ट्स की जरूरत है और अब एक ऐसी कंपनी जो इस इंडस्ट्री के बैकबोन की तरह काम करती है। एक इंटरेस्टिंग अपॉर्चुनिटी लेकर के आ रही है। लक्ष्मी डेंटल के IPO की बात हो रही है, जो अपनी क्वालिटी और इनोवेशन के लिए जाना जाता है। लक्षमी डेंटल लिमिटेड (Laxmi Dental Limited) अपना IPO लॉन्च कर रही है। इस आर्टिकल का उद्देश्य है, आपको इस कंपनी और इस के IPO के बारे में बताना।

इसके लिए हम इन 6 कैटेगरी को समझेंगे-
1. कंपनी की आईपीओ डिटेल्स (Company's IPO details)
2. बिजनेस ओवरव्यू (Business Overview)
3. स्ट्रेंथ और वीकनेसेस (Strengths & Weaknesses)
4. पियर वैल्युएशन (Peer Valuations)
5. फाइनेंशियल्स (Financials)
1. कंपनी की आईपीओ डिटेल्स (Company's IPO details)
लक्षमी डेंटल लिमिटेड का IPO जनवरी 13 से 15 तक ओपन रहेगा और इसका प्राइस बैंड ₹407 से ₹428 प्रति शेयर है। फेस वैल्यू (Face Value) ₹2 प्रति शेयर और एक लॉट का साइज 33 शेयर्स का होगा। इस आईपीओ का टोटल साइज ₹698.06 करोड़ है। जिसमें फ्रेश इशू ₹138 करोड़ का और ऑफर फॉर सेल ₹560.06 करोड़ का है। तो इस आईपीओ के कुल आय का कैसे उपयोग किया जाएगा, उसे भी समझ लेते है। ऑफर फॉर सेल के पूरे बिक्री से प्राप्त आय शेयर होल्डर्स को जाएगी और फ्रेश इशू से जनरेट नेट प्रोसीड्स (कुल आय) कुछ इस तरीके से उपयोग किया जाएगा। ₹22.98 करोड़ कंपनी की अवेल्ड बोरोइंग्स (कर्ज) के फुल या पार्ट रीपेमेंट या प्रीपेमेंट के लिए उपयोग होगा। ₹4.6 करोड़ सब्सिडियरीज की अवेल्ड बोरोइंग्स (कर्ज) के फुल या पार्ट रीपेमेंट या प्रीपेमेंट के लिए उपयोग किए जाएंगे। ₹43.5 करोड़ कैपिटल एक्सपेंडिचर (पूंजीगत व्यय) की फंडिंग के लिए, जिससे न्यू मशीनरी खरीदी जाएंगी। ₹25 करोड़ अपनी सहायक कंपनी, बिज़डेंट डिवाइसेस प्राइवेट लिमिटेड के कैपिटल एक्सपेंडिचर (पूंजीगत व्यय) निवेश के लिए, जिससे कि यह मशीनरी खरीदेंगे और बाकी का फंड जनरल कॉर्पोरेट पर्पसस के लिए उपयोग करेगी।

2. बिजनेस ओवरव्यू (Business Overview)
लक्ष्मी डेंटल के बिजनेस को समझ लेते हैं। कोविड के बाद बेहतर स्वास्थ्य प्रबंधन के बारे में जागरूकता, स्वास्थ्य देखभाल पर ध्यान बढ़ रहा है, जिससे इस क्षेत्र पर विवेकाधीन खर्च बढ़ रहा है। गवर्नमेंट पॉलिसीज, हेल्थ केयर, सुधार और जनसंख्या में वरिष्ठ नागरिकों की बढ़ती हिस्सेदारी स्वास्थ्य देखभाल खर्च में योगदान दे रही है और साथ ही चिकित्सा मुद्रास्फीति भी बहुत अधिक है, जो लंबित स्वास्थ्य देखभाल में और योगदान दे रही है और इंडिया में हर 10000 लोगों के लिए दो डेंटिस्ट उपलब्ध हैं। जबकि कनाडा और अमेरिका जैसे विकसित देशों में प्रति 10,000 लोगों पर 6.6 और 6.3 दंत चिकित्सक उपलब्ध हैं। इसका मतलब इंडिया में जीडीपी ग्रोथ के साथ डेंटल इंडस्ट्री का साइज भी बढ़ेगा और इस ग्रोथ की वजह से इंडिया की डेंटल केयर सर्विसेस मार्केट का साइज 2024 में 4.9 बिलियन डॉलर से 2030 में 10.2 बिलियन डॉलर तक जाने की अपेक्षा है और इस ग्रोथ का पूरा बेनिफिट मिलेगा, लक्ष्मी डेंटल लिमिटेड को। लक्ष्मी डेंटल लिमिटेड एलाइनर सॉल्यूशंस और पेड्रिटो प्रोडक्ट्स के हिस्से के रूप में कस्टम मेड क्राउन और ब्रिज ब्रांडेड डेंटल उत्पाद जैसे क्लियर एलाइनर, थर्मो फॉर्मिंग शीट और एलाइनर से संबंधित उत्पाद बनाती है। यह इंडिया की एकलौती कंपनी है जो एंड टू एंड इंटीग्रेटेड डेंटल प्रोडक्ट्स ऑफर करती है।
इस कंपनी के तीन मेन बिजनेस सेगमेंट्स हैं।
1. लेबोरेटरी ऑफरिंगस
इस सेगमेंट में कंपनी टोटल रेवेन्यू फ्रॉम ऑपरेशंस में fy24 में 64.75% और h1 fy25 में 63.07% कंट्रीब्यूट करती है। डेंटल लेबोरेटरीज बिज़नेस में इनका 20 साल का एक्सपीरियंस है और यह 22000 से ज्यादा डेंटल क्लीनिक्स, डेंटल कंपनीज और डेंटिस्ट्स के साथ जुड़े हुए है। इस कंपनी की लेबोरेटरी ऑफरिंगस में कस्टम मेड डेंटल प्रोस्थेसिस जैसे मेटल फ्री क्राउंस और ब्रिजेज शामिल है। जिसमें इनके ब्रांडेड प्रीमियम जरकोनिया क्राउंस और ब्रिजेज इल्यूजन जरकोनिया भी है। इसके अलावा पोर्सलिन फ्यूज टू मेटल यानी कि पीएफएम क्राउंस ब्रिजेज और डेंचर्स भी ये कंपनी ऑफर करती है। कंपनी ने 9 अगस्त 2024 को आईस्केन प्रो लॉन्च किया, जो ब्रांडेड इंट्रा ओरल स्कैनर है डिजिटल डेंटिस्ट्री के लिए और अभी तक 264 डेंटिस्ट इसे उपयोग कर रहे हैं।
2. एलाइनर सॉल्यूशंस (Aligner Solutions)
एलाइनर सॉल्यूशन सेगमेंट इस कंपनी के टोटल रेवेन्यू फ्रॉम ऑपरेशन में FY24 में 28.12% और h1 fy25 में 31.1% कंट्रीब्यूट किया। आजकल ज्यादा से ज्यादा पेशेंट्स क्लियर एलाइनर ट्रीटमेंट को प्रेफर कर रहे हैं। स्पेशली मलोक्लूजन के लिए जो अपर और नीचे के दांतों के मिस अलाइनमेंट को रेफर करता है, जो इंसान के बाइट करने की एबिलिटी को डिसर पट कर सकता है। अब ये कंपनी इंडियन एलाइनर मार्केट शेयर कैप्चर करने के लिए और भी फोकस्ड है और इस वजह से कंपनी ने अपने ब्रांड इल्यूजन एलाइनर्स के अंडर क्लियर एलाइनर्स लॉन्च किए हैं।
3. पेट्रियोटिक डेंटल प्रोडक्ट्स (Paediatric dental products)
ये सेगमेंट ने कंपनी के टोटल रेवेन्यू फ्रॉम ऑपरेशन में FY24 में 7.13% और h1 FY25 में 5.83% कंट्रीब्यूट किया।
3. स्ट्रेंथ और वीकनेसेस (Strengths & Weaknesses)
1. स्ट्रेंथ
1. इंटीग्रेटेड प्रोडक्ट पोर्टफोलियो (Integrated Product Protfolio)
यह कंपनी इंडिया की पहली इंटीग्रेटेड डेंटल प्रोडक्ट्स मैन्युफैक्चरर है, जो कस्टम मेड क्राउंस, ब्रिजेज, क्लियर एलाइनर्स और पेट्रियोटिक डेंटल प्रोडक्ट्स ऑफर करती है और कंपनी के ब्रांडेड प्रोडक्ट्स जैसे कि इल्यूजन जरकोनिया क्राउंस और आईस्केन प्रो इंट्रा ओरल स्कैनर्स मार्केट में उपलब्ध है। अब वर्टिकल इंटीग्रेशन के थ्रू कंपनी अपने रॉ मटेरियल सोर्सिंग से लेकर के डेंटल सॉल्यूशंस डिजाइन तक हर चीज का कंट्रोल करती है, जिससे प्रोडक्ट क्वालिटी और कंसिस्टेंसी बेटर होती है। इनहाउस मैन्युफैक्चरिंग से कंपनी अफोर्डेबल क्लियर एलाइनर्स भी प्रोवाइड कर पाती है और इसके डेंटल नेटवर्क में 22000 से ज्यादा क्लीनिक्स हैं, जो फ्यूचर में सेल्स इंक्रीज करने में मदद करेगा और क्रॉस सेलिंग अपॉर्चुनिटी को बढ़ायगा। ये अप्रोच कंपनी को ग्रोइंग मार्केट में अपने प्रेजेंस को स्ट्रांग बनाने में हेल्प करेगा।
2. सेकेंड लार्जेस्ट प्लेयर इन डोमेस्टिक लेबोरेटरी बिजनेस (Second Largest Player in Domestic Laboratory Business)
कंपनी को लेबोरेटरी सेगमेंट में 20 साल से ज्यादा का एक्सपीरियंस है और ये डेंटल लैब से एक इंटीग्रेटेड डेंटल प्रोडक्ट कंपनी बन गई है। अब डिजिटल वर्कफ्लोज और ऑटोमेशंस के एडॉप्शन से ऑर्गेनाइज्ड डेंटल लैब्स को ग्रो करने में हेल्प मिलेगी। कंपनी को इनोवेशन और हाई क्वालिटी प्रोडक्ट्स जैसे जरकोनिया क्राउन के साथ कंपटिंग एज मिलेगा और आईस्कैन प्रो इंट्रा ओरल स्कैनर जैसे टूल्स का उपयोग वर्कफ्लो को ऑप्टिमाइज करता है, जो फास्टर प्रोडक्शन और बेटर प्रॉफिटेबिलिटी के लिए लीड करता है। ये टेक्नोलॉजीज ट्रीटमेंट की एक्यूरेसी और प्रोडक्शन टाइम को रिड्यूस करके ब्रॉडर पेशेंट बेस तक एक्सेस बना रही है। जो फ्यूचर सेल्स को ग्रो करने में मदद करेगा।
3. राइजिंग डेंटल टूरिज्म (Rising Dental Tourism)
डेंटल टूरिज्म रैपिड ग्रो कर रहा है, क्योंकि इंडिया जैसे विकासशिल देश में ना डेंटल केयर काफी सस्ता है और यूएस, यूके और मिडिल ईस्ट से लोग लॉन्ग वेटिंग टाइम्स और हाई कॉस्ट की वजह से अपने डेंटल ट्रीटमेंट के लिए इंडिया आते हैं। इंडिया में इंग्लिश स्पीकिंग स्टाफ हाई ट्रीटमेंट क्वालिटी और लो कॉस्ट की वजह से डेंटल टूरिज्म पॉपुलर है और एडवांस्ड प्रोसीजर्स और अफॉर्डेबिलिटी के कारण ये सेक्टर फास्ट ग्रो कर रहा है। जिसका बेनिफिट इस कंपनी को भविष्य में मिलेगा।
4. लार्ज जेंटल नेटवर्क (Large Dental Network)
इस कंपनी का 20 प्लस इयर्स का मार्केट प्रेजेंस और 22000 से ज्यादा डेंटल क्लीनिक्स का नेटवर्क है, जो उसको मार्केट में स्ट्रांग कंपिटिव एडवांटेज देता है। यह नेटवर्क 95 से ज्यादा देशों में और 320 से ज्यादा शहरों में सेल्स कवर करता है और वर्कशॉप्स, प्रोडक्ट ट्रेनिंग और की-ओपिनियन लीडर टाई-अपस के थ्रू कंपनी अपने डेंटल नेटवर्क के साथ स्ट्रांग रिलेशनशिप्स बनाती है, जो इसके कंपिटिटर्स और न्यू प्लेयर्स के लिए एंट्री बैरियर्स क्रिएट करते हैं। इससे कंपनी को कंपिटिंव एडवांटेज मिलता है।
5. एक्सपीरियंस्ड मैनेजमेंट (Experienced Management)
कंपनी को एक एक्सपीरियंस्ड और डेडिकेटेड मैनेजमेंट टीम लीड करती है। जिनकी कॉम्प्लीमेन्ट्री स्किलस डेंटल प्रोडक्ट्स बिजनेस के लिए एसेंशियल है। मैनेजमेंट टीम के मेंबर्स में फाउंडर राजेश रजला खखर, मैनेजिंग डायरेक्टर समीर कमलेश मर्चेंट और सीएफओ धर्मेश भूपेंद्र दत्तानी हैं, जो डेंटल प्रोडक्ट्स और इंडस्ट्री में एक्सटेंसिव एक्सपीरियंस रखते हैं। मिस्टर राजेश खखर ने कंपनी को डेंटल लैब बिजनेस से एक्सपेंड किया और 30 से ज्यादा का एक्सपीरियंस है। मिस्टर समीर मर्चेंट ने 20 से ज्यादा एक्सपीरियंस में कंपनी के ऑफिस डावर्स किए हैं। मिस्टर धर्मेश दत्तानी के पास 15 से ज्यादा का एक्सपीरियंस है। एक स्ट्रांग लीडरशिप से यह कंपनी फ्यूचर ग्रोथ अपॉर्चुनिटी, कैपिटआइज करने के लिए वेल पोजीशंड है।
2. वीकनेसेस
1. कंसंट्रेशन ऑफ मैन्युफैक्चरिंग फैसिलिटी (Concentration of Manufacturing Facilities)
कंपनी के मेजर मैन्युफैक्चरिंग फैसिलिटी नाम मुंबई और उसके आस-पास ही स्थित है और अगर इस रीजन में कोई डिसरपशन होता है, तो बिजनेस और फाइनेंशियल परफॉर्मेंस पे नेगेटिव इंपैक्ट हो सकता है। अगर इन फैसिलिटी में नेचुरल डिजास्टर्स, फायर, फ्लड या पावर आउटेजेस जैसे अनफोर्सड इवेंट्स से इंटरप्शन होती है, तो इससे कंपनी के ऑपरेशंस पर सीरियस इंपैक्ट हो सकता है, जो इसकी प्रॉफिटेबिलिटी को कम कर सकता है।
2. रिस्क फ्रॉम इंपोर्ट एक्सपोर्ट एंड इंटरनेशनल एक्सपेंशन (Risks from Import, Export and International Expansion)
कंपनी ने FY25 के फर्स्ट हाफ में अपना रेवेन्यू का 32.4% हिस्सा एक्सपोर्ट से कमाया है। कंपनी ने अपने डेंटल प्रोडक्ट को 95 प्लस कंट्रीज और 320 सिटीज में एक्सपोर्ट किया, लेकिन इंटरनेशनल मार्केट्स में उतार-चढ़ाव, करेंसी रिस्क, डिफरेंट रेगुलेशंस और कंपटीशन से कंपनी को भविष्य में प्रॉब्लम आ सकती है। इंपोर्ट और एक्सपोर्ट एक्टिविटीज में डिसरपशन जैसे रॉ-मटेरियल के रुकने और कस्टम ड्यूटी इश्यूज से सप्लाई चेन इफेक्ट हो सकता है, जो प्रोडक्शन डिलेज और इंक्रीजड कॉस्ट का कॉज बन सकता है। ये डिसरपशनस भविष्य में बिजनेस पर एडवर्स इंपैक्ट डाल सकते हैं।
3. रेगुलेटरी कंप्लायंस रिस्क (Regulatory Compliance Risk)
कंपनी के डेंटल प्रोडक्ट्स को कई कॉम्प्लेक्शन रेगुलेशनस का सामना करना पड़ता है, जैसे मेडिकल डिवाइसेज रूल्स और ड्रग्स एंड कॉस्मेटिक एक्ट, जो मैन्युफैक्चरिंग सेलिंग और डिस्ट्रीब्यूशन पर अप्लाई होती है। अगर कंपनी इन रेगुलेटरी या क्वालिटी स्टैंडर्ड्स का अनुपालन नहीं करती, तो बिजनेस पर प्रतिकूल प्रभाव हो सकता है। रेगुलेटरी चेंजेज, न्यू टेस्टिंग रिक्वायरमेंट्स या डॉक्यूमेंटेशन चेंजेज से कॉस्ट बढ़ सकते हैं, जो प्रोडक्शन डिलेज हो सकते हैं।
4. डिपेंडेंस ऑन स्किल्ड लेबर (Dependence on Skilled Labour)
इस कंपनी का बिजनेस क्वालिफाइड डेंटल टेक्निशियंस और स्किल्ड लेबोरेटरी स्टाफ पर ज्यादा निर्भर है, तो अगर यह कंपनी इन पर्सनल को एक्सट्रैक्ट, रिटेन या मैनेज नहीं कर पाती, तो बिजनेस और ऑपरेशंस में नेगेटिव इंपैक्ट हो सकता है। हाल के वर्ष में कंपनी ने हाई कर्मचारियों के पलायन रेट 13.44% से 29.77% का सामना किया। जो कोविड-19 फैसिलिटी रीलोकेशन और ट्रेनिंग इश्यूज की वजह से हुआ और अगर स्किल्ड पर्सनल का लॉस होता है या सूटेबल रिप्लेसमेंट्स टाइमली रिक्रूट नहीं किए जाते, तो सर्विस क्वालिटी, ऑपरेशनल एफिशिएंसी और कॉस्ट पर इंपैक्ट हो सकता है। लेबर कॉस्ट में इंक्रीज भी प्रॉफिटेबिलिटी को इफेक्ट कर सकता है।
5. ज्योग्राफिकल कंसंट्रेशन ऑफ कस्टमर (Geographical Concentration of Customers)
इस कंपनी का बिजनेस इंडिया, यूएस और यूके में कंसंट्रेटेड है। अगर इन रीजंस में किसी भी रीजन जैसे इकोनॉमिक स्लोडाउन, पॉलिटिकल अनरेस्ट और नेचुरल कैलेमिटीज से बिजनेस का लॉस होता है, तो ऑपरेशंस और फाइनेंशियल कंडीशन पर नेगेटिव इंपैक्ट हो सकता है। इसके साथ अगर कंपनी अपनी ग्रोथ स्ट्रेटेजी को टाइमली और बजट के अंदर मैनेज नहीं कर पाई, तो इसका नेगेटिव इंपैक्ट कंपनी के बिजनेस पर होगा। जिससे नए रीजंस में एक्सपेंशन मुश्किल हो सकता है।
6. आउटस्टैंडिंग लीगल प्रोसीडिंग्स अगेंस्ट द कंपनी (Outstanding legal proceedings against the company)
सीबीआई ने कंपनी के प्रमोटर राजेश व्रिजलाल खखर और दूसरे एक्यूज्ड के खिलाफ चार्ज शीट फाइल की है। जिसमें उन्हें इल्लीगल एक्टिविटीज और कॉन्फिडेंशियल एफडीआई इंफॉर्मेशन ऑब्टेन करने का आरोप लगाया गया है। अगर इस केस का डिसीजन प्रमोटर्स के अगेंस्ट आता है, तो कंपनी के बिजनेस, रेपुटेशन और फाइनेंशियल हेल्थ पर बुरा असर हो सकता है। इसी के साथ कंपनी की सब्सिडियरीज के खिलाफ भी कई लीगल प्रोसीडिंग्स पेंडिंग है। जिसका एडवर्स जजमेंट कंपनी के बिजनेस और फाइनेंशियल कंडीशन को नेगेटिवली इंपैक्ट कर सकता है।
4. पियर वैल्युएशन (Peer Valuations)
पहले देखते हैं कि लक्ष्मी डेंटल के पियर्स कौन-कौन से हैं, तो लक्ष्मी डेंटल के मुताबिक इनके कोई भी डायरेक्ट लिस्टेड पियर्स सेम कंपेरिजन साइज के नहीं है और ना ही कोई एग्जैक्ट सेम इंडस्ट्री में है, लेकिन एक कंस्ट्रक्टिव एनालिसिस के लिए ये पॉली मेडिक्योर लिमिटेड (Poly Medicure Limited) को अपना कंपीटर कंसीडर कर रही है। यह कंपनी पीएमएल, मेडिकल डिवाइसेज का मैन्युफैक्चरर और एक्सपोर्टर है। अब आप ये देख सकते हैं-

FY24 में पॉली मेडिक्योर लिमिटेड की टोटल रेवेन्यू 1375 करोड़ रुपये रही, जो लक्षमी डेंटल के ₹193.55 करोड़ से ऑलमोस्ट सेवन टाइम ज्यादा है। ये इसलिए है क्योंकि पॉली मेडिक्योर एक रिलेटिवली बड़े स्केल पर ऑपरेट करती है। इनके 10 मैन्युफैक्चरिंग फैसिलिटी है, अक्रॉस इंडिया, चाइना, इजिप्ट और इटली और साथ ही इनका का डायवर्सिफाइड पोर्टफोलियो कई मेडिकल डिवाइसेज को कवर करता है, जो हायर रेवेन्यू में कन्वर्ट हो पाते हैं। इसी रीजन से प्रॉफिट्स के फिगर्स में भी काफी डिफरेंस देखने को मिलता है। जहां लक्ष्मी डेंटल का प्रॉफिट ₹25.22 करोड़ है, वहीं Poly Medicure Limited का प्रॉफिट ₹258 करोड़ है। ऑलमोस्ट 10 टाइम ज्यादा, लेकिन इनके प्रॉफिट मार्जिंस में ज्यादा डिफरेंस नहीं है।
रिटर्न ऑन नेटवर्थ
लक्ष्मी डेंटल का RONW काफी इंप्रेसिव रहा है FY24 में 78.78%। वही पॉली मेडिक्योर का सिर्फ 19% रहा। यह लक्ष्मी डेंटल की अपनी शेयर होल्डर्स इक्विटी के अगेंस्ट एक इंप्रेसिव रिटर्न जनरेट कर पाना सिग्नीफा करता है और रिटर्न ऑन कैपिटल एंप्लॉयड की बात करें तो इसमें पॉली मेडिक्योर 24% पर है और लक्ष्मी डेंटल 19.97% पर है। इनका P/E रेशियो 94.6 लेकिन पोस्ट आईपीओ प्राइस के बेसिस पे एस्टीमेट लक्ष्मी डेंटल का P/E रेशियो है 51.73।
5. फाइनेंशियल्स (Financials)
अपने रेवेन्यू में इस कंपनी ने स्टेडी ग्रोथ दिखाई है। इनकी 2 साल की बिक्री चक्रवृद्धि वार्षिक वृद्धि दर यानी CAGR 18.40% है। ये ग्रोथ इनके हाई मार्जिन प्रोडक्ट्स जैसे लाइनर्स और किड्स ई-डेंटल से आने वाले रेवेन्यू के इंक्रीज होने पर मिला है, लेकिन यह बात इंपॉर्टेंट है कि ये कंपनी FY23 तक लॉस मेकिंग थी और FY24 में ये एक अच्छे प्रॉफिट लेवल पर आ गई। FY22 में इन्हें ₹18.677 करोड़ का लॉस फेस करना पड़ा और वहीं FY24 में इन्हें ₹25.2 करोड़ का प्रॉफिट मिला। कंपनी की आरएचपी के बेसिस पर FY23 तक लॉस कोविड-19 का रिजल्ट था। रेवेन्यू बढ़ा ये इनके राइजिंग फिक्स्ड कॉस्ट इंक्लूडिंग सैलरीज, बोनसेज को सपोर्ट नहीं कर पाया। लेकिन फिस्कल FY24 इनके फेवर में रहा और 7.35 एक्सपेंसेस रिड्यूस हुए। जिससे इन्हें अच्छी प्रॉफिटेबिलिटी अचीव हो पाई और इनके की-रेशियोज कि बात करे तो RNOW FY24 के लिए काफी अच्छा है 78.78%, जो कंपनी के इस साल प्रॉफिटेबल होने से लिंक्ड है। लेकिन लास्ट टू फाइनेंशियल ईयर में ये भी नेगेटिव था और FY23 में लॉस भी रिड्यूस हुआ है। जिससे इनका RNOW 60.47% से 19.62% पर आया। इस आईपीओ से जेनरेटेड प्रोसीड्स से कंपनी मशीनरी में इन्वेस्ट करेगी जो इनके RNOW और ROC को भविष्य में बढ़ा सकता है और इस कंपनी ने लास्ट फाइनेंशियल ईयर में नेगेटिव कैश फ्लोज भी फेस किए हैं। ये इनके कैपिटल एक्सपेंडिचर के वजह से नेगेटिव कैश फ्लो फ्रॉम इन्वेस्टिंग एक्टिविटी से हुआ है। कंपनी का डेट टू इक्विटी रेशियो भी FY23 में 1.61 था जो FY24 में 0.94 हुआ, लेकिन ये डेट रिड्यूस करने की वजह से नहीं बल्कि बेटर प्रॉफिटेबिलिटी की वजह से इक्विटी इंक्रीज होने से अचीव हुआ है।
6. GMP (Grey Market Premium)
अब आप इसके जीएमपी को देख सकते हो-

लेकिन हेयर इज अ रिमाइंडर एज ऑलवेज किसी भी कंपनी का जीएमपी सिर्फ मार्केट में हो रही स्पेक्युलेशन और ट्रेंडस को रिफलेक्ट करता है इसे एक्चुअल शेयर प्राइस ना कंसीडर करे।
आपको बता दें कि यह आर्टिकल सिर्फ और सिर्फ एजुकेशनल पर्पस के लिए है । इस आर्टिकल में दी गई कोई भी जानकारी खरीदने या बेचने का रिकमेंडेशन नहीं है।
BY ANIL PAAL
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