प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कश्मीर में सोनमर्ग में जेड-मोड़ टनल (Z-MORH TUNNEL) सोनमर्ग सुरंग (SONAMARG TUNNEL) का उद्घाटन और निरीक्षण करने के बाद इसे राष्ट्र को समर्पित किया। श्रीनगर-लेह NH-1 पर बनी इस सुरंग की लंबाई 6.4 किलोमीटर है। इसके बनने के बाद अब श्रीनगर-लेह हाइवे पर गगनगीर से सोनमर्ग के बीच एक घंटे की दूरी अब महज 15 मिनट में पूरी की जा सकेगी। जिस पूरे रास्ते को पूरा करने में पहले 3 से 4 घंटे का समय लगता था, वो दूरी अव सिर्फ 45 मिनट में पूरी हो जाएगी।
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गांदरबल जिले में निर्मित सोनमर्ग टनल (जेड-मोड़ टनल) |
अब सोनमर्ग टनल कश्मीर में विकास का नया अध्याय लिखने के लिए तैयार हो गई है। अब गांदरबल से लेह तक यात्रा सुगम हो जाएगी सफर सुहाना तो होगा ही समय भी पहले से कम लगेगा। इस नई शुरुआत के पीछे देश के श्रम वीरों का बड़ा योगदान है।
जेड-मोड़ (Z-MORH TUNNEL)
Z-Morh टनल का शिलान्यास राहुल गांधी ने किया था। 4 अक्टूबर, 2012 को राहुल ने उस वक्त के जम्मू-कश्मीर के सीएम उमर अब्दुल्ला, केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री सीपी जोशी और नेशनल कॉन्फ्रेंस के सांसद फारूक अब्दुल्ला की मौजूदगी में इसका भूमिपूजन किया था. अब इसका नाम बदलकर सोनमर्ग टनल (SONAMARG TUNNEL) रख दिया गया है। 13 जनवरी 2025 को पीएम मोदी ने गांदरबल जिले में इस टनल का उद्घाटन किया।
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6.4 किमी लंबी इस सुरंग में क्या खास है?
सुरंग के बनने से पहले यहां जो सड़क थी, वो अंग्रेजी के 'Z' अक्षर के आकार की थी, इसीलिए इसका नाम जेड-मोड़ टनल रखा गया था. टनल के निर्माण में इस रोड पर पड़ने वाले हिमस्खलन प्रभावित उस हिस्से को हटा दिया गया है, जो अक्सर भारी बारिश के कारण महीनों तक बंद रहता था।
लगभग 12 किलोमीटर लंबी सोनमर्ग सुरंग परियोजना का निर्माण 2700 करोड़ रुपए से अधिक की लागत से किया गया है। इसमें सोनमर्ग मुख्य सुरंग, एक निकास सुरंग और पहुंच मार्ग शामिल हैं। समुद्र तल से 8650 फीट की ऊंचाई पर स्थित, यह भूस्खलन और हिमस्खलन मार्गों को दरकिनार करते हुए लेह जाने के रास्ते में, श्रीनगर और सोनमर्ग के बीच प्रत्येक मौसम में संपर्क बढ़ाएगी।
श्रीनगर-लेह NH-1 पर बनी इस सुरंग की लंबाई 6.4 किलोमीटर है। इसके बनने के बाद अब श्रीनगर-लेह हाइवे पर गगनगीर से सोनमर्ग के बीच एक घंटे की दूरी अब महज 15 मिनट में पूरी की जा सकेगी। जिस पूरे रास्ते को पूरा करने में पहले 3 से 4 घंटे का समय लगता था, वो दूरी अव सिर्फ 45 मिनट में पूरी हो जाएगी।
सोनमर्ग टनल टू-लेन सुरंग है। इसकी चौड़ाई 10 मीटर है। इसके साथ-साथ एक एस्केप टनल भी बनाई गई है। जिसकी चौड़ाई 7.5 मीटर है। इसे इमरजेंसी में इस्तेमाल किया जा सकेगा। साथ ही इसे रेलवे टनल के रूप में भी इस्तेमाल किया जा सकेगा।
सोनमर्ग टनल 80 किलोमीटर की क्षमता से लगभग 11000 वाहनों को संभालने के लिए डिजाइन की गई है। यह टनल 12 किलोमीटर लंबी है। इस टनल की सबसे बड़ी खासियत यह है कि इसके जरिए अब हर मौसम में आसानी से सोनमर्ग पहुंचा जा सकता है। जम्मू कश्मीर के लोगों के लिए यह टनल केंद्र सरकार की ओर से सब से बड़ा तोहफा है।
सोनमर्ग टनल में टेक्नोलॉजी का खासा इस्तेमाल किया गया है। इससे यूजर्स को रियल टाइम अपडेट्स दी जाएंगी। सेफ्टी और ट्रैफिक को मैनेज करने के लिए पब्लिक अनाउंसमेंट सिस्टम भी लगाया गया है। फायर को डिटेक्ट करने के लिए इलेक्ट्रिकल सिस्टम इंस्टॉल किया गया है। यात्रियों की स्पीड को ट्रैफिक के हिसाब से एडजस्ट करने के लिए Speed Limit Variable Message Signs (SLVS) भी लगाए गए हैं।
2028 तक जोजिला टनल का काम पूरा होने के बाद इस रूट की लंबाई 49 किलोमीटर से घटकर 43 किलोमीटर हो जाएगी। इसके बाद इस रास्ते पर वाहनों की गति को 30 किमी प्रति घंटा से बढ़ाकर 70 किमी प्रति घंटा किया सकेगा।

टनल के उद्घाटन के दौरान पीएम मोदी ने कहा-
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने संबोधन की शुरुआत श्रमिकों को श्रद्धांजलि देते हुए की जिन्होंने इस काम को करने में अपनी जान गवाई लेकिन अपने संकल्प से डिगे नहीं।
त्यौहार की बधाई देते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि आज देश के हर कोने में उत्सव का माहौल है। सोनमर्ग टनल को देश को समर्पित करते हुए। प्रधानमंत्री ने कहा कि जम्मू कश्मीर और लद्दाख की एक और बहुत पुरानी डिमांड आज पूरी हुई है। प्रधानमंत्री ने कहा कि इस टनल से सर्दियों के मौसम में सोनमर्ग की कनेक्टिविटी बनी रहेगी।
प्रधानमंत्री ने कहा कि इस टनल से सोनमर्ग समेत इस पूरे इलाके में टूरिजम को भी नए पंख लगने वाले हैं। आने वाले दिनों में रेल और रोड कनेक्टिविटी के बहुत सारे प्रोजेक्ट जम्मू कश्मीर में पूरे होने वाले हैं। देश को 2047 तक विकसित राष्ट्र बनाने का आहवान करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि भारत तरक्की की नई बुलंदी की तरफ बढ़ चला है। प्रधानमंत्री ने कहा कि जम्मू कश्मीर अब टनल, ऊंचे-ऊंचे पुलों और रोपवे का हब बनता जा रहा है। पर्यटन का जिक्र करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि जम्मू कश्मीर में अमन और तरक्की का जो माहौल बना है। उसका फायदा टूरिजम सेक्टर में दिख रहा है। विकसित भारत के सफर में टूरिजम सेक्टर का अहम योगदान है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि 21वीं सदी का जम्मू कश्मीर आज विकास की नई गाथा लिख रहा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि यह नए जम्मू कश्मीर का नया दौर है। जम्मू कश्मीर को भारत का मुकुट बताते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि यह ताज और सुंदर और समृद्ध हो।
कश्मीर की बदलाती तस्वीर
जम्मू कश्मीर की आबोहवा में एक नया रंग घुला है, यह रंग है विकास का। घाटी की फिजाओं में नई ताजगी है। कश्मीर के लिए यह बदलाव का काल है। घाटी में कुछ नया रचा जा रहा है, कुछ गढ़ा जा रहा है। जम्हूरियत का असर अब जमीन पर दिख रहा है। कश्मीरियत की पहचान और पुख्ता हो रही है। कश्मीर जिस रफ्तार की तलाश में था, वह रफ्तार अब उसे मिल रही है। कश्मीर की धरती पर आज देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पहुंचे सोनमर्ग सुरंग आम जनता के लिए खुल गई।
टनल खुलने से नए रास्ते खुलेंगे। इससे जम्मू कश्मीर के लिए विकास कार्यों को पंख लगेंगे। जेड मोड़ टनल से स्थानीय अर्थव्यवस्था सुदृढ़ होगी बेहतर कनेक्टिविटी से सामान और सेवाओं का परिवहन तेज होगा। स्थानीय उत्पादकों और व्यापारियों के लिए नए बाजारों के द्वार खुलेंगे सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय की माने तो सुरंग खुलने के बाद व्यापार में 30 प्रतिशत तक की वृद्धि होने की संभावना है। इसके अतिरिक्त पर्यटन आतिथ्य और बुनियादी ढांचे के रखरखाव में प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रोजगार के अवसर उत्पन्न होंगे।
टनल केंद्र शासित प्रदेश के इंफ्रास्ट्रक्चर विकास में मील का पत्थर साबित होने वाली है। यह सुरंग जहां है, वह बर्फीले तूफान हिमस्खलन और सर्दियों में होने वाली भारी बर्फबारी वाला इलाका है। पर्यटकों की आवाजाही भी बर्फीले तूफान हिंस खलन से प्रभावित होती है, लेकिन अब नवनिर्मित जड मोर टनल से वर्ष भर बेरोक टोक आवाजाही सुनिश्चित हो सकेगी।
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SONAMARG TUNNEL (Z-MORH TUNNEL) |
रणनीतिक रूप से महत्त्वपूर्ण लद्दाख क्षेत्र में सुरक्षित और निर्बाध पहुंच सुनिश्चित करेगी। ये सोनमर्ग को साल भर घूमने लायक जगह में बदलकर पर्यटन, साहसिक खेल और स्थानीय आजीविका को भी बढ़ावा देगी। 2028 तक पूरा होने के लिए तय जोजिला सुरंग के साथ, यह मार्ग की लंबाई को 49 किमी से घटाकर 43 किमी कर देगी और वाहनों की गति को 30 किलोमीटर प्रति घंटा से बढ़ाकर 70 किलोमीटर प्रति घंटा कर देगी। जिससे श्रीनगर घाटी और लद्दाख के बीच NH-1 पर निर्बाध कनेक्टिविटी सुनिश्चित होगी बढ़ी हुई कनेक्टिविटी से रक्षा रसद बढ़ेगी जम्मू और कश्मीर और लद्दाख में आर्थिक विकास और सामाजिक सांस्कृतिक एकीकरण को बढ़ावा मिलेगा।
परियोजना का काम 2012 में शुरू हुआ जो कि पिछले साल पूरा हुआ फरवरी 2024 में इसका सॉफ्ट ओपनिंग किया गया था। यह सुरंग चीन सीमा के करीब लद्दाख क्षेत्र में देश की रक्षा जरूरतों के लिहाज से महत्त्वपूर्ण है। यह केंद्र शासित प्रदेश को देश के बाकी हिस्सों से भी जोड़ती है। ज़ेड-मोड़ सुरंग में इंटेलिजेंट ट्रैफिक मैनेजमेंट सिस्टम लगाया गया है। जिससे ट्रैफिक को नियंत्रित करना आसान हो जाएगा। इसके साथ ही डेडिकेटेड स्केप टनल के जरिए ट्रैफिक को सुगम बनाया जाएगा।
जेड-मोड़ सुरंग सोनमर्ग पर्यटन नगरी को हर मौसम में कनेक्टिविटी प्रदान करेगी। इस परियोजना के निर्माण कार्य के दौरान निकाले गए मलवे का उपयोग सड़क किनारे की सुविधाओं और क्षेत्र के विकास के लिए किया गया है। सर्दियों के मौसम में सोनमर्ग की खूबसूरती देखते ही बनती है। बर्फ से ढकी घाटी दिल मोह लेती है, लेकिन पर्यटकों के लिए इस खूबसूरत नजारे का दीदार टेढ़ी खीर था, क्योंकि सर्दियों में सोनमर्ग पहुंचना बहुत मुश्किल था। लेकिन अब ज़ेड-मोड़ टनल से सोनमर्ग पूरे वर्ष पहुंचा जा सकेगा। यह क्षेत्र शीतकालीन खेलों और एडवेंचर टूरिज्म जैसे स्कीइंग और स्नो ट्रैकिंग के लिए नए रास्ते खुलेगा। इससे स्थानीय हस्त शिल्प और छोटे व्यवसायो को भी बढ़ावा मिलेगा।
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By Anil Paal
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