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Fit And Weight Loss : फिट रहने और वजन घटाने के लिए देर तक चलना बेहतर है या थोड़ा दौड़ना?

फिट (Fit) और  हेल्दी (Healthy) रहने के लिए और वजन घटाने (Weight Loss) के लिए एक्सरसाइज जरूरी है। अब ये तो सब जानते हैं, पर जो लोग एक्सरसाइज नहीं कर पाते या नहीं कर सकते। उनको वॉक (walk) करने की सलाह दी जाती है यानी चलने की। अब चलने का मतलब ये नहीं है कि आप आराम से धीरे-धीरे टहल रहे हैं। चलना यानी तेज तेज चलना। जिसको कहते हैं ब्रिस्क वॉकिंग (Brisk Walking)। तभी इसका कुछ फायदा होता है। अगर आप वजन घटाने (Weight Loss) के लिए चल रहे हैं पर सुस्ती में चल रहे हैं तो ये एकदम बेकार जा रहा है। ये तो बात हो गई वॉकिंग (Walking) की। अब आते हैं रनिंग (Running) पर यानी भागना, दौड़ना। ये भी फिट (Fit) रहने और वजन घटाने (Weight Loss) का बहुत ही बढ़िया तरीका है, पर इन दोनों में से ज्यादा फायदेमंद कौन सा है? फिट (Fit) रहने के लिए किस केस में आपको वॉक (Walk) करना चाहिए और कब दौड़ना (Running) चाहिए।

फिट रहने के लिए दौड़ें या चलें?

अगर देखा जाए तो ये दोनों ही एक ही चीज़ है और दोनों में फर्क सिर्फ इतना है कि दौड़ने (Running) में स्पीड ज्यादा है, चलने (Walking) में स्पीड कम है। लेकिन इसका फर्क एक व्यक्ति पर क्या है? वो डिपेंड करता है कि उसकी उम्र कितनी है? उसको बीमारियां क्या-क्या हैं। अगर हम एक नॉर्मल व्यक्ति में लेना चाहे कि जिसको अपनी हेल्थ अच्छी करनी है तो उसके अंदर दौड़ने (Running) का ज्यादा फायदा होगा क्योंकि वो युवा (Young) है। उसके घुटने, उसकी मसल्स स्ट्रॉन्ग है। यह उसके मसल्स को भी स्ट्रांग रखेगा, उसकी बोन्स को भी स्ट्रांग रखेगा और ओवरऑल उसकी हेल्थ को भी बेहतर करता है। वॉकिंग (Walking) और रनिंग (Running) में एक यह भी फर्क है कि आप वॉकिंग (Walking) तो काफी देर तक कर सकते हो पर आप रनिंग (Running) बहुत ज्यादा देर तक नहीं कर सकते, जबतक कि आप एक वेल ट्रेंड पर्सन ना हो। वॉकिंग (Walking) के बाद में बंदा थोडा सा एनर्जेटिक फील करता है, जबकि रनिंग (Running) के बाद में बंदा उतना एनर्जेटिक फील नहीं करता बल्कि थोडा थका सा फील करता है। यह उसकी इंटरनल कैपेसिटी पर भी डिपेंड करता है और उसने कितनी प्रैक्टिस कि है उस पर भी।

कितनी देर दौड़ना चाहिए?

यह देखा गया है कि अगर आप वॉकिंग  करें या रनिंग करें और आप उसे सही तरीके से करें तो इसके फायदे बहुत ज्यादा है।

जैसे कि - 

  • आपके हार्ट की हेल्थ को अच्छा रखता है।
  • आपके बीपी को, शुगर को होने नहीं देता और अगर हो चुका है तो उन्हें कंट्रोल रखता है।
  • इसका बेनिफिट यह भी देखा गया है कि आपको कई तरीके के कैंसर से बचाता भी है।
  • मानस्कि तौर पर आपको स्वस्थ रखता है और जो बडी उम्र में होने वाली तकलीफ जैसे अल्जाइमर डिजीज। जिसको हम सिंपल भाषा में फॉरगेट फूड बोलते हैं। आप बोलना शुरू कर दे तो बहुत ज्यादा बोलते हो। उस बीमारी को भी कुछ हद तक प्रिवेंट किया जा सकता है।

वॉकिंग (Walking) और रनिंग (Running) में एक चीज़ का हमें सबसे ज्यादा ख्याल रखना है कि जब भी हम वॉक करने या दौड़ने जाया करें तो हमें अच्छी क्वालिटी के शूज पहन कर जाना है। नेचुरल सरफेस पर ही वॉक करना या दौड़ना है, ना कि सीमेंट वाले सरफेस पर। इससे हमारे घुटनों को और मांसपेशियों को कम नुकसान होता है। कोई भी एक्सरसाइज अगर हम 10 मिनट से ज्यादा एक बार में करते हैं तो यह कहा जाता है कि उसका पॉज़टिव इफेक्ट है। अगर मैं दिन में 10 10 मिनट के तीन सेट करता हूं वॉकिंग (Walking) एक्सरसाइज के तो इसका मतलब है मैंने एक बार में ही 30 मिनट की एक्सरसाइज कर ली है। महत्त्वपूर्ण यह है कि जब भी हम किसी भी चीज़ को करें तो हम अपने आप को वार्म अप करें ताकि हम अपने मसल्स और अपने जॉइंट्स को किसी तरीके के नुकसान से बचाएं। वॉकिंग (Walking) करते वक्त हमें एक चीज का और ख्याल रखना चाहिए कि हमारी स्पीड अच्छी होनी चाहिए और हम अपने साथ वाले के साथ में गुफ्तगू ना कर सकें। अगर हम गुफ्तगू कर रहे हैं तो इसका मतलब कि हमारी स्पीड अच्छी नहीं है और उसके बेनिफिट भी हमें उतने ही कम मिलेंगे।

यह बात तो सही है। दौड़ने में इंसान ज्यादा थकता है, इसलिए लंबे समय तक वह दौड़ नहीं सकता। हां, चल सकता है तेजी से। 

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अस्वीकरण : दी गई जानकारी, उपचार के तरीके और सलाह विशेषज्ञों और सार्वजनिक डोमेन के अनुभव पर आधारित हैं। किसी भी सलाह पर अमल करने से पहले कृपया अपने डॉक्टर से सलाह लें. यह स्वास्थ्य लेख आपको स्वयं दवाएँ लेने की सलाह नहीं देता है।

By Anil Paal

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