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Stock Market : Ajax Engineering IPO Review | Ajax इंजीनियरिंग आईपीओ जीएमपी, व्यापार अवलोकन

Ajax इंजीनियरिंग जो कंक्रीट मिक्सर मार्केट में एक लीडिंग प्लेयर है। अपना IPO लेकर के आ रहा है। हम आज इस कंपनी के बारे में डिटेल में समझने वाले हैं। अपना IPO ले कर आ  रही है। इस आर्टिकल का उद्देश्य है, आपको इस कंपनी और इस के IPO के बारे में बताना।

Stock Market : AJAX इंजीनियरिंग IPO समीक्षा | Ajax इंजीनियरिंग आईपीओ जीएमपी, व्यापार अवलोकन Ajax Engineering IPO Review

इसके लिए हम इन 6 कैटेगरी को समझेंगे- 

1. कंपनी की आईपीओ डिटेल्स (Company's IPO details)

2. बिजनेस ओवरव्यू (Business Overview)

3. स्ट्रेंथ और वीकनेसेस (Strengths & Weaknesses)

4. पियर वैल्युएशन (Peer Valuations)

5. फाइनेंशियल्स  (Financials)

6. GMP

1. कंपनी की आईपीओ डिटेल्स (Company's IPO details)

Stock Market : AJAX इंजीनियरिंग IPO समीक्षा | Ajax इंजीनियरिंग आईपीओ जीएमपी, व्यापार अवलोकन Ajax Engineering IPO Review

एजेक्स इंजीनियरिंग लिमिटेड का IPO, 10 फरवरी 2025 को स्टार्ट होकर 12 फरवरी 2025 तक खुला रहेगा। इस आईपीओ का प्राइस बैंड 599 से ₹ 629 होगा और एक लॉट का साइज 23 शेयर्स का होगा। अब इस आईपीओ का साइज ₹1269.35 करोड़ होगा और ये पूरा का पूरा ऑफर फॉर सेल होगा और कर्मचारियों के लिए ₹59 की छुट भी मिलेगी।

2. बिजनेस ओवरव्यू (Business Overview)

भारत का कंस्ट्रक्शन और रियल एस्टेट सेक्टर तेजी से बढ़ रहा है। इस ग्रोथ के पीछे इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट्स जैसे सड़क, ब्रिजे, रेलवेज और यूटिलिटीज का बड़ा योगदान है, जो देश की कनेक्टिविटी और इकॉनमी को बूस्ट कर रहे हैं। साथ ही रियल एस्टेट सेक्टर भी बूमिंग है। जिसमें रेसिडेंशियल, कमर्शियल और इंडस्ट्रियल बिल्डिंग्स की डिमांड लगातार बढ़ रही है। FY 2024 से FY 2029 तक इंफ्रास्ट्रक्चर सेक्टर 8% सीएजीआर से भर सकती है जबकि रियल एस्टेट सेक्टर 6% CAGR की स्पीड से आगे बढ़ने की संभावना है। मेट्रो और टियर वन सिटीज में रियल एस्टेट ग्रोथ 4 से 5 प्रतिशत सीएजीआर तक हो सकती है, लेकिन टियर टू प्लस और रूरल एरियाज में ये ग्रोथ 7 से 8 प्रतिशत सीएजीआर तक पहुंच सकती है। 

इस ग्रोथ में फ्यूल दे रहा है। एक लीडिंग कॉंक्रीट इक्विपमेंट मैन्युफैक्चरर जो कॉंक्रीट एप्लीकेशन वैल्यू चेन के हर फेस के लिए सॉल्यूशंस प्रोवाइड करता है। ये कंपनी 32 सालों से इंडस्ट्री में है और 141 प्लस कॉंक्रीट इक्विपमेंट वेरिएंट्स डेवलप कर चुकी है। आज तक इंडिया में 29800 प्लस मशीनस बेच चुकी है और इसके एसएलसीएम (Self-Loading-Concrete Mixers) यानी कि सेल्फ लोडिंग कॉंक्रीट मिक्सचर्स तो मार्केट के किंग हैं। FY 2024 में इंडिया के एलसीएम मार्केट में 77 प्रतिशत मार्केट शेयर इसी कंपनी के पास है और सिर्फ इतना ही नहीं इंडिया में जो कॉंक्रीट बनता है। उसमें से 12 प्रतिशत इन्हीं के एसएलसीएम से प्रोसेस होता है। एसएलसीएम काफी वर्सटाइल मशीनस हैं, जो ऑन साइट कॉंक्रीट मिक्सिंग और ट्रांसपोर्टेशन को इजी और एफिशिएंट बनाती है। ये मशीनस का यूज हाईवे प्रोजेक्ट्स, फ्लाई ओवर्स, रेलवे ट्र ट्रैक्स, टनल्स रिजर्वायर्स, कैनाल, पावर प्लांट्स और ऑयल एंड गैस टर्मिनल्स जैसे बड़े प्रोजेक्ट्स में होता है। इसके अलावा ये कंपनी बैचिंग प्लांट्स, ट्रांजिट मिक्सर्स, बूम पंप्स, कंक्रीट पंप्स और स्लिप फॉर्म पेवर्स भी मैन्युफैक्चर करती है। जिसमें नॉन एसएलसीएम कैटेगरी में भी 25.9 प्रतिशत सीएजीआर की तेजी से ग्रोथ हो रही है।

 3. स्ट्रेंथ और वीकनेसेस (Strengths & Weaknesses)

1. स्ट्रेंथ

मार्केट लीडर इन अ फास्ट ग्रोइंग SLCM मार्केट : यह कंपनी इंडिया की लीडिंग मैन्युफैक्चरर है एसएलसीएम यानी कि सेल्फ लोडिंग कॉंक्रीट मिक्सर्स मार्केट में और सिर्फ लीडर ही नहीं 77% से ज्यादा मार्केट शेयर होल्ड करती है। फाइनेंशियल ईयर 2024, 2023 और 2022 में कंपनी का मार्केट शेयर कंसिस्टेंटली 75 से 86 प्रतिशत के बीच रहा। 

स्ट्रांग R&D कैपेबिलिटीज एंड इंजीनियरिंग फोकस  : कंपनी इंजीनियरिंग और इनोवेशन के कोर प्रिंसिपल्स पर बनी हुई है। इनके R&D टीम में 79 हाईली स्किल्ड इंजीनियर्स हैं, जो नए और एफिशिएंट प्रोडक्ट्स डेवलप करते हैं। लोड सेल टेक्नोलॉजी वाला एसएलसीएम सेल्फ प्रोपेल्ड बूम, पंप स्लिप फॉर्म पेवर और 3d कॉंक्रीट प्रिंटर जैसी इनोवेटिव टेक्नोलॉजीज कंपनी ने खुद डेवलप की है। कंपनी ने TASC यानी कि एजेक्स स्कूल ऑफ कॉंक्रीट शुरू किया है। जो कॉंक्रीट टेक्नोलॉजी और मटेरियल साइंस के रिसर्च और स्किल डेवलपमेंट पर फोकस करता है। यह सिर्फ एक मैन्युफैक्चरर नहीं बल्कि इंडस्ट्री को नए लेवल तक ले जाने वाला इनोवेट भी है।

एडवांस्ड मैन्युफैक्चरिंग एंड लीन प्रोडक्शन : सिस्टम वेल कंपनी का मैन्युफैक्चरिंग सिस्टम टेक्नोलॉजी ड्रिवन और कॉस्ट एफिशिएंट है। यह लीन मैन्युफैक्चरिंग मॉडल फॉलो करती है, जिसमें ऑटोमेशन और एफिशिएंसी पे फोकस दिया जा ता है। उबादनाहली फैसिलिटी वर्ल्ड की टॉप थ्री एसएलसीएम मैन्युफैक्चरिंग फैसिलिटी इन टर्म्स ऑफ एरिया में शामिल है। कंपनी का न्यू प्लांट आदि नारायना होसा हली फैसिलिटी अगस्ट 2025 तक ऑपरेशनल होने का एक्सपेक्टेड है। जिसमें 872 करोड़ का इन्वेस्टमेंट किया जा रहा है। ये कंपनी के एक्सपेंशन प्लांस और डिमांड को एफिशिएंटली मीट करने के कमिटमेंट को दिखाता है।

डायवर्सिफाइड कस्टमर बेस एंड लार्जेस्ट डीलर नेटवर्क इन इंडिया : कंपनी का कस्टमर बेस काफी डायवर्सिफाइड है। ये सिर्फ एक टाइप के क्लाइंट्स पे डिपेंडेंट नहीं है, बल्कि इंडिविजुअल कांट्रैक्टर्स मिड साइज्ड कंपनीज, लार्ज कॉरपोरेशंस और गवर्नमेंट प्रोजेक्ट्स तक इसका रीच है। 19000 प्लस कस्टमर्स के साथ कंपनी का स्ट्रांग रिलेशनशिप है और कोई भी एक कस्टमर 5 प्रतिशत से ज्यादा रेवेन्यू कंट्रीब्यूट नहीं करता जो कि रिस्क को डायवर्सिफाई करता है। साथ ही साथ कंपनी का डीलर नेटवर्क इंडस्ट्री के सबसे बड़े नेटवर्क्स में से एक है। 51 डीलरशिप्स अक्रॉस 23 स्टेट्स और 114 टच पॉइंट्स कंपनी के आफ्टर सेल्स सपोर्ट को काफी स्ट्रांग बनाता है। अराउंड 94 ऑफ रेवेन्यू डीलरशिप से आते हैं, जो एक तरफ से कंसंट्रेशन रिस्क भी पोज करती है। साउथ एंड साउथ ईस्ट एशिया मिडिल ईस्ट और अफ्रीका में से 25 इंटरनेशनल डीलर्स के साथ कंपनी ग्लोबल एक्सपेंशन भी एक्सप्लोर कर रही है, जो फ्यूचर में एक और ग्रोथ एवेन्यू हो सकता है।

2. वीकनेसेस

हाई डिपेंडेंसी ऑन एसएलसीएम सेल्स : कंपनी का 85% रेवेन्यू सिर्फ एक प्रोडक्ट कैटेगरी यानी कि सेल्फ लोडिंग कॉंक्रीट मिक्सर्स एसएलसीएम से आता है, यानी अगर कभी डिमांड गिरती है तो इसका सीधा इंपैक्ट कंपनी के फाइनेंशियल्स पर पड़ सकता है। इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट्स और रियल एस्टेट डिमांड के साथ कंक्रीट इक्विपमेंट का डिमांड बढ़ता या गिरता है। अगर किसी वजह से इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट्स स्लो डाउन होते हैं या नए कॉंक्रीट मिक्सिंग टेक्नोलॉजीज आती हैं तो कंपनी को चैलेंज हो सकता है। कंपनी दूसरे प्रोडक्ट जैसे कि बैचिंग प्लांट्स, ट्रांजिट मिक्सर्स और बूम पंप्स की सेल्स बढ़ाने की कोशिश कर रही है। लेकिन अगर ये एफर्ट सक्सेसफुल नहीं होता है तो रेवेन्यू ग्रोथ इंपैक्ट हो सकती है।

सीजनल डिमांड एंड डिपेंडेंस ऑन गवर्नमेंट स्पेंडिंग : कंस्ट्रक्शन इंडस्ट्री सीजनल होती है मानसून के महीने में यानी कि जुलाई से अगस्त में काम स्लो होता है और डिमांड अक्टूबर से फाइनेंशियल ईयर एंड तक पीक पर होती है। ये सीजनेलिटी कंपनी के सेल्स और प्रॉफिटेबिलिटी को एक क्वार्टर से दूसरे क्वार्टर तक काफी फ्लक्ट एट कर सकती है। साथ ही गवर्नमेंट स्पेंडिंग भी एक मेजर फैक्टर है। अगर इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट्स के लिए फंडिंग कम होती है या फिर पॉलिसीज चेंज होती हैं तो डिमांड पे नेगेटिव इंपैक्ट हो सकता है। ऐसे सिचुएशंस में कंपनी को बिजनेस स्लो डाउन फेस करना पड़ सकता है।

हाई ऑपरेशनल डिपेंडेंसी ऑन कर्नाटका एंड ओवर रिलायंस ऑन उबादनाहली फैसिलिटी : कंपनी के सारे असेंबलिंग और मैन्युफैक्चरिंग फैसिलिटी कर्नाटका में लोकेटेड हैं। ये एक मेजर रिस्क हो सकता है। क्योंकि अगर किसी वजह से स्टेट लेवल डिसरपशन जैसे कि नेचुरल डिजास्टर्स, पॉलिटिकल इंस्टेबिलिटी या रेगुलेटरी चेंजेज होते हैं, तो पूरा प्रोडक्शन इंपैक्ट हो सकता है और सिर्फ इतना ही नहीं कंपनी का 99 प्रतिशत एसएलसीएम प्रोडक्शन सिर्फ एक फैसेट उबादनहल्ली प्लांट में होता है। मतलब अगर कभी यह प्लांट किसी भी वजह से बंद होता है। प्रोडक्शन रुकता है या कोई रेगुलेटरी इशू आता है तो कंपनी के फाइनेंशियल्स पे सीधा इंपैक्ट पड़ सकता है। ऐसे ऑपरेशनल रिस्क में लेबर स्ट्राइक्स, रॉ मटेरियल सप्लाई इश्यूज, पावर शॉर्टेजेस या फिर गवर्नमेंट रिस्ट्रिक्शंस भी हो सकते हैं फिलहाल कंपनी एक नया मैन्युफैक्चरिंग फैसिलिटी डेवलप कर रही है, जो अगस्त 2025 तक ऑपरेशनल होगा। लेकिन तब तक अगर उबादनाहल्ली प्लांट पे कोई सप्शन होता है तो कंपनी के पास कोई इमीडिएट अल्टरनेटिव नहीं होगा।

लीज इश्यूज इन मैन्युफैक्चरिंग फैसिलिटी : कंपनी के दो मेजर असेंबलिंग और मैन्युफैक्चरिंग फैसिलिटी लीजड लैंड पर है। जिनकी लीज एक्सपायर हो चुकी है। ये लैंड्स लीज कम सेल बेसिस पर दिए गए हैं। जिसमें लीज पीरियड के बाद अगर कंपनी सर्टेन कंडीशंस फुलफिल करती है, जैसे कि कंपनी के प्रमोटर होल्डिंग 51 पर से नीचे नहीं जाना चाहिए। कंपनी का लीज पीरियड कंप्लीट करना चाहिए। कोई पेमेंट्स ड्यू नहीं होना चाहिए। तो एट दी एंड ओनरशिप कंपनी को मिलनी चाहिए थी। कंपनी ने बसहित्तीहली फैसिलिटी के लिए सारी रिक्वायर्ड कंडीशंस फुलफिल कर दी हैं और ओनरशिप के लिए मल्टीपल अटेम्प्ट्स भी किए हैं, लेकिन अब तक सेल डीड एग्जीक्यूट नहीं हो पाई है। गौरीबिदानूर फैसिलिटी के लिए भी कंपनी ने रिक्वायर्ड प्लांस सबमिट कर दिए हैं लेकिन फाइनल अप्रूवल पेंडिंग है। साथ ही उबादनाहली फैसिलिटी के लीज होल्ड लैंड पर 7.96 करोड़ का एडिशनल पेमेंट डिमांड नोटिस मिला है, जो के आई एडीबीकीद द्वारा इंफ्रास्ट्रक्चर और मेंटेनेंस कॉस्ट के लिए है। कंपनी ने इसका क्लेरिफिकेशन मांगा है, पर अब तक रिस्पांस नहीं आया है। तो अगर ओनरशिप इशू रिजॉल्व नहीं होता, तो कंपनी को अल्टरनेटिव अरेंजमेंट्स करने पड़ेंगे। जो बिजनेस और कैश फ्लोस को नेगेटिवली इंपैक्ट कर सकता है।

इंटेंस कंपटीशन इन कंस्ट्रक्शन इक्विपमेंट इंडस्ट्री : कंपनी को डोमेस्टिक और इंटरनेशनल मैन्युफैक्चरर से स्ट्रांग कंपटीशन फेस करना पड़ रहा है। जिसमें कुछ प्लेयर्स के पास ब्रांड रिकॉग्निशन, एडवांस टेक्नोलॉजी और लार्जर डीलर नेटवर्क्स जैसे एडवांटेजेस हैं।

4. पियर वैल्युएशन (Peer Valuations)

एजेक्स इंजीनियरिंग की लिस्टेड पियर्स हैं। एक्शन कंस्ट्रक्शनइक्विपमेंट लिमिटेड, बीएमएल लिमिटेड, कुबता लिमिटेड। FY 2024 एजेक्स इंडस्ट्री में अपनी हाईएस्ट प्रॉफिटेबिलिटी के साथ स्टैंड आउट करता है। कंपनी का PAT मार्जिन 12.72% और EBIDA मार्जिन 14.5% है, जो स्ट्रांग कॉस्ट कंट्रोल और प्राइसिंग पावर को रिफ्लेक्ट करता है। हो सकता है कुछ कंपनीज का रेवेन्यू ज्यादा हो लेकिन एजेक्स की प्रॉफिटेबिलिटी और ऑपरेशनल एफिशिएंसी इसको एक स्ट्रांग परफॉर्मर बनाती है।

अगर रिटर्न्स की बात करें तो एजेक्स का ROE 24.53%, ROCE 32.82% है, जो इसके पियर्स के कंपैरिजन में काफी स्ट्रांग है। ये दिखाता है कि कंपनी कैपिटल को एफिशिएंटली यूटिलाइज कर रही है और सुपीरियर रिटर्न्स जनरेट कर रही है। साथ ही इसका रिटर्न ऑन फिक्स्ड एसेट (ROA) 18.21% है, जो कंपट से बेटर है और ये प्रूफ करता है कि कंपनी अपनी मैन्युफैक्चरिंग इंफ्रास्ट्रक्चर और रिसोर्सेस का बेस्ट यूज कर रही है।

रेवेन्यू के मामले में एजेक्स डायवर्सिफाइड प्लेयर्स जैसे कि एस्कट्स कुबोटा और ACTION CONSTRUCTION EQUIPMENT से पीछे है। एस्कस कबता एग्रीकल्चरल मशीनरी, कंस्ट्रक्शन इक्विपमेंट और रेलवे प्रोडक्ट्स में काम करती है। जबकि एसीई क्रेंस, रोड कंस्ट्रक्शन इक्विपमेंट और मटेरियल हैंडलिंग सॉल्यूशंस में ऑपरेट करती है। इनका ब्रॉडर रेवेन्यू बेस है, क्योंकि ये मलटिप्ल सेगमेंट्स कवर करते हैं। दूसरी तरफ एजेक्स का फोकस सिर्फ कॉंक्रीट इक्विपमेंट स्पेशली सेल्फ लोडिंग कॉंक्रीट मिक्सर्स एसएलसीएम पर है। ये डाइवर्सिटी के एब्सेंट की वजह से रेवेन्यू को लिमिट करता है, लेकिन स्ट्रांग प्रॉफिटेबिलिटी और मार्केट पोजिशनिंग मेंटेन करने में मदद भी करता है।

5. फाइनेंशियल्स  (Financials)

कंपनी का रेवेन्यू  इंप्रेसिव ग्रोथ दिखा रहा है। FY 2022 में 771.85 करोड़ रुपए का रेवेन्यू था, जो FY 23 में 1172.57 करोड़ रुपए और FY 24 में 1780.07 करोड़ रुपए तक पहुंच गया। अगर टू ईयर सेल सीएजीआर देखें तो यह 51.86 प्रतिशत का जबरदस्त ग्रोथ दिखाता है। ये ग्रोथ प्राइमर मशीनस की सेल्स में इंक्रीज की वजह से हुई है। यह क्लीयरली इंडिकेट करता है कि कंपनी अपनी मार्केट लीडरशिप पोजीशन को कैपिटलाइज् कर रही है और कंस्ट्रक्शन इक्विपमेंट इंडस्ट्री के डिमांड का फायदा उठा रही है। 

रेवेन्यू के साथ-साथ प्रॉफिट्स भी एग्रेसिवली ग्रो हो रहे हैं। FY 22 में रिस्टेटेड प्रॉफिट 66.21 करोड़ था जो FY 23 में 135.9 करोड़ और FY 24 में 225.15 करोड़ तक पहुंच गया। अगर इस ग्रोथ के कैगर के टर्म्स में देखें तो टू ईयर पैट सीएजीआर 84.41 प्रतिशत है। मतलब कंपनी का बॉटम लाइन ग्रोथ रेवेन्यू से भी फास्टर है, जो एक स्ट्रांग फाइनेंशियल परफॉर्मेंस का इंडिकेशन है। इसका रीजन यह हो हो सकता है कि कंपनी ने अपने प्लांट्स की कैपेसिटी यूटिलाइजेशन को इंप्रूव किया है। कैपेसिटी यूटिलाइजेशन इंप्रूव करने से पर यूनिट फिक्स्ड कॉस्ट कम होती है। एफिशिएंसी बढ़ती है और प्रॉफिट मार्जिंस इंप्रूव होते हैं। इससे कंपनी कंपटिंग प्राइसिंग दे सकती है। ज्यादा रेवेन्यू जनरेट कर सकती है और आरओ आई बेटर होता है।

फाइनेंशियल परफॉर्मेंस का एनालिसिस तभी कंप्लीट होता है। जब तक ROE रिटर्न ऑन इक्विटी और ROCE रिटर्न ऑन कैपिटल एंप्लॉयड को ना देखें। ROE  FY 2024 में 24.53% मतलब कंपनी अपने शेयर होल्डर्स के इक्विटी से अच्छे रिटर्न जनरेट कर रही है और वहीं ROCE FY 2024 में 32.82% यानी कंपनी कैपिटल का एफिशिएंट यूटिलाइजेशन कर रही है और स्ट्रांग प्रॉफिटेबिलिटी मेंटेन हो रही है। इंडिविजुअली ये नंबर्स अच्छे हैं, लेकिन इंडस्ट्री के कंपैरिजन में ये रिटर्न रेशियोज् स्टैंड आउट कर रहे हैं। 

वैल्यूएशन को समझने के लिए प्राइस टू अर्निंग्स रेशियोज् यानी कि PE रेशियो काफी इंपॉर्टेंट होता है। कंपनी का PE 31.96 है, जबकि इंडस्ट्री का एवरेज PE 45.36 है। मतलब इंडस्ट्री के कंपैरिजन में ये आईपीओ रिलेटिवली सस्ता लग रहा है।

 6. GMP

अब आप इसके जीएमपी को देख सकते हो-

Stock Market : AJAX इंजीनियरिंग IPO समीक्षा | Ajax इंजीनियरिंग आईपीओ जीएमपी, व्यापार अवलोकन Ajax Engineering IPO Review

लेकिन हेयर इज अ रिमाइंडर एज ऑलवेज किसी भी कंपनी का जीएमपी सिर्फ मार्केट में हो रही स्पेक्युलेशन और ट्रेंडस को रिफलेक्ट करता है इसे एक्चुअल शेयर प्राइस ना कंसीडर करे।


आपको बता दें कि यह आर्टिकल सिर्फ और सिर्फ एजुकेशनल पर्पस के लिए है । इस आर्टिकल में दी गई कोई भी जानकारी खरीदने या  बेचने का रिकमेंडेशन नहीं है। 


इसे भी  देखें - 

Union Budget 2025-26 | आम बजट 2025 : विकास के लिए भारत का रोडमैप


BY ANIL PAAL

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