ब्राजील के रियो डी जनेरियो पर दुनिया भर की नजरें थी। इसका वाजिब कारण भी है। रियो डी जनेरियो में दुनिया की 20 बड़ी और उभरती हुई अर्थव्यवस्थाएं एक मंच पर आई, वैश्विक मुद्दों पर चर्चा के लिए। भारत G-20 का अहम सदस्य है। G- 20 शिखर सम्मेलन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के पहुंचने पर ब्राजील के राष्ट्रपति लूला द सिल्वा ने गर्म जोशी से उनका स्वागत किया। प्रधानमेंत्री नरेंद्र मेदी ने इस सम्मान के लिए ब्राजील के राष्ट्रपति के प्रति आभार जताया।

जी-20 शिखर सम्मेलन में प्रधानमंत्री का संबोधन
प्रधानमंत्री ने सबसे पहले जी-20 शिखर सम्मेलन के भव्य आयोजन और जी-20 की सफल अध्यक्षता के लिए राष्ट्रपति लूला को बधाई दी। उन्होंने कहा कि नई दिल्ली में जी-20 शिखर सम्मेलन के दौरान लिए गए जन केंद्रित निर्णयों को ब्राजील की अध्यक्षता के दौरान आगे बढ़ाया गया है। यह बहुत ही संतोष की बात है कि सतत विकास लक्ष्यों को प्राथमिकता दी गई है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सामाजिक समावेश, भूख और गरीबी के खिलाफ लड़ाई विषय पर G-20 शिखर सम्मेलन के उद्घाटन सत्र को संबोधित किया। प्रधानमंत्री ने इस बात पर जोर दिया कि भारत की G-20 अध्यक्षता का एक पृथ्वी, एक परिवार , एक भविष्य का आव्हान रियो में होने वाली बातचीत में भी गूंजता रहा।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि हमने समावेशी विकास, महिलाओं के नेतृत्व वाले विकास और युवा शक्ति पर ध्यान केंद्रित है। साथ-ही ग्लोबल साउथ के देशों की आशाओं और आकांक्षाओं को पंख देने का काम किया है। उन्होंने स्पष्ट किया कि एक पृथ्वी, एक परिवार, एक भविष्य इस शिखर सम्मेलन में भी उतना ही प्रासंगिक है जितना यह पिछले साल था। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भारत की भूख और गरीबी के खिलाफ प्रतिबद्धता का जिक्र किया। उन्होंने भारत की भूख और गरीबी से निर्णायक लड़ाई के बारे में जानकारी साझा की। प्रधानमंत्री ने बताया कि कैसे भारत ने बदलाव की नई लकीर खींची है। पिछले 10 वर्षों में भारत ने 250 मिलियन लोगों को गरीबी से बाहर निकाला है। 800 मिलियन से अधिक लोगों को निःशुल्क खाद्यान दिया जा रहा है। 550 मिलियन लोग दुनिया की सबसे बड़ी स्वास्थ्य बीमा योजना से लाभान्वित हो रहे हैं। अब 70 वर्ष से अधिक आयु के 60 मिलियन वरिष्ठ नागरिक भी मुफ्त स्वास्थ्य बीमा का लाभ उठा सकेंगे।
प्रधानमंत्री ने कहा कि महिलाओं के नेतृत्व वाले विकास और सामाजिक समावेश पर अपना ध्यान केंद्रित करते हुए सूक्ष्म क्षेत्र की 300 मिलियन से ज्यादा महिला उद्यमियों को बैंकों से जोड़ा गया है और उन्हें ऋण तक पहुंच की सुविधा प्रदान की गई है। दुनिया के सबसे बड़ी योजना के तहत, 40 मिलियन से अधिक किसानों को 20 बिलियन अमेरिकी डॉलर का लाभ मिला है। किसान योजना के तहत, 110 मिलियन किसानों को 40 बिलियन डॉलर से अधिक की सहायता दी गई है। किसानों को 300 बिलियन अमेरिकी डॉलर का संस्थागत ऋण दिया जा रहा है। पहले सत्र के विषय के बारे में भारत के अनुभवों और सफलताओं को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने साझा किया। प्रधानमंत्री ने भारत में हर वर्ग के लिए किए गए बदलावों को भी साझा किया। प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत न केवल खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित कर रहा है, बल्कि पोषण पर भी ध्यान केंद्रित कर रहा है। सक्षम आंगनवाड़ी और पोषण 2.0 अभियान, जो एक एकीकृत पोषण सहायता कार्यक्रम है। गर्भवती महिलाओं, नवजात शिशुओं, 6 वर्ष से कम आयु के बच्चों और किशोरियों के पोषण पर विशेष ध्यान केंद्रित करता है। मिड डे मील योजना के माध्यम से स्कूल जाने वाले बच्चों की पोषण संबंधी आवश्यकताओं पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है। भूख और गरीबी के खिलाफ वैश्विक गठबंधन स्थापित करने की ब्राजील की पहल का स्वागत किया। वैश्विक नेताओं के सामने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ग्लोबल साउध की बात रखी। जी-20 सम्मेलन में प्रधानमंत्री ने स्पष्ट कहा कि ग्लोबल साउथ को अनदेखा नहीं किया जा सकता। कोई भी चर्चा तब तक कामयाब नहीं मानी जा सकती जब तक कि उसमें क्षेत्र की दिक्कतों पर गौर न किया जाए। उन्होंने कहा कि सबको ग्लोबल साउथ का दर्द समझना होगा।
प्रधानमंत्री ने कहा कि वैश्विक संघर्षों के कारण खाद्य, ईधन और उर्वरक संकट से वैश्विक दक्षिण के देशों पर सर्वाधिक प्रतिकूल प्रभाव पड़ा है, इसीलिए चर्चा तभी सफल हो सकती है। जब वैश्विक दक्षिण के देशों की चुनौतियों और प्राथमिकताओं को ध्यान में रखा जाए। जिस तरह सब ने नई दिल्ली शिखर सम्मेलन के दौरान अफ्रीकी संघ को G-20 की स्थाई सदस्यता प्रदान करके वैश्विक दक्षिण की आवाज को मजबूती दी। उसी तरह वैश्विक शासन की संस्थाओं में भी सुधार करेंगे। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने न सिर्फ दुनिया के शीर्ष नेताओं के बीच भारत की सोच को सामने रखा, बल्कि यह साबित किया कि भारत बात सुने बिना कोई वैश्विक नीति नहीं बनाई जा सकती।

G-20 शिखर सम्मेलन में भारत की आवाज़
जी-20 देशों ने ब्राजील में 19वें शिखर सम्मेलन में रियो डी जनेरियो घोषणा पत्र को अंगीकृत किया है। घोषणा पत्र में जलवायु परिवर्तन, यूक्रेन और पश्चिम एशिया में युद्ध को समाप्त करने के लिए पहल की अपील की गई है। घोषणा पत्र का उद्देश्य विश्व की प्रमुख चुनौतियों का समाधान करना, टिकाऊ और समावेशी विकास को बढ़ावा देना है। घोषणा पत्र में सुरक्षा परिषद को विस्तार देते हुए ऐसे क्षेत्रों और समूहों को शामिल करने की अपील की गई है, जो अभी तक इस परिषद में प्रतिनिधित्व से वंचित है। घोषणा पत्र में हर प्रकार के आतंकवाद की निंदा की गई है। गाज़ा पट्टी की स्थिति और लेबनान में बढ़ते संघर्ष पर चिंता व्यक्कत करते हुए घोषणा पत्र में कहा गया है कि आम नागरिकों की सुरक्षा और मानवीय सहायता को तत्काल बढ़ाने की आवश्यकता है। सभी संघर्षों का बातचीत से शांतिपूर्ण समाधान तलाशने की अपील भी की गई है। घोषणा पत्र में खास कर संयुक्त राष्ट्र जलवायु परिवर्तन, फ्रेमवर्क और पैरिस समझौते के संदर्भ में बहुपक्षीय को बढ़ावा देने के संकल्प को भी दोहराया गया है।
ब्राजील के रियो डी जनेरियो में जी-20 शिखर सम्मेलन के मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने विभिन्न देशों के शीर्ष नेताओं से मुलाकात की और आपसी संबंधो को मजबूत बनाने वाले विभिन्न मुद्दों पर चर्चा की।
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BY Anil Paal
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