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Smoking : क्या होता है सिगरेट पीने से दिल में , क्यों बढ़ता है Heart Attack का खतरा

एक कश लगा लो एक कश से क्या ही होता है। सिगरेट (Cigarette) के शौकीन दोस्तों से बात तो आपने कई बार सुनी होगी, हो सकता है अमल भी करने लगे हो या फिर अमल करने के बारे में सोच रहे हो। एक कश से क्या होता है इसका जवाब हम आज दे ही देते हैं। एक कश से सिगरेट पीने (Cigarette Smoking) की आदत लग जाती है। पहले दिन में एक सिगरेट, धीरे-धीरे दो, फिर तीन और यह नंबर लगातार बढ़ता जाता है। कुछ लोग तो चेन स्मोकर (Chain Smoker) बन जाते हैं यानी लगातार एक के बाद एक सिगरेट पीने लगते है । सिगरेट पीने से फेफड़े (Lungs) खराब हो जाते हैं, लंग कैंसर (Lungs Cancer) हो जाता है। यह तो आप जानते ही हैं लेकिन सिगरेट सिर्फ आपके फेफड़े (Lungs) को नुकसान नहीं पहुँचाती बल्कि सिगरेट पीने से दिल को भी नुकसान पहुंचता है और बहुत भारी नुकसान पहुंचता है, कैसे? जानेगें सेहत के इस लेख में कि सिगरेट पीने से दिल (Heart) को किस तरह का नुकसान पहुंचता है? सिगरेट पीने से किन बीमारियों का रिस्क बढ़ता है? अगर आप सिगरेट पीते हैं तो दिल (Heart) से जुड़े किन लक्षणों पर नजर जरूर रखें? अगर सिगरेट छोड़ना चाहते हैं तो इसका सही तरीका क्या है?

Smoking : क्या होता है सिगरेट पीने से दिल में , क्यों बढ़ता है Heart Attack का खतरा

सिगरेट पीने से दिल को क्या नुकसान पहुंचता है

सिगरेट पीने से दिल को कई तरीके से नुकसान पहुंच सकता है। सबसे महत्त्वपूर्ण तरीका है Smoking Smoking से निकोटीन और दूसरे कई नुकसानदेह केमिकल्स रिलीज़ होते हैं जिनकी वजह से दिल की धमनियां सिकुड़ जाती हैं और खून गाढ़ा होने लगता है। इससे थ्रोम्बोसिस (Thrombosis) होने का चांस बढ़ जाता है। थ्रोम्बोसिस यानी खून की नलियों में थक्का जम जाना। धमनियों में प्लाक जमने का खतरा भी रहता है। इसे एथेरोस्क्लेरोसिस (Atherosclerosis) कहते हैं। आगे जाकर यही सारी चीज़ें हार्ट अटैक (Heart Attack), स्ट्रोक(Stroke), हार्ट फेलियर (Heart Failure), एथेरोस्क्लेरोसिस और कोरोनरी आर्टरी डिज़ीज़(Coronary Artery Disease) का रिस्क बढ़ाती हैं। इसके अलावा सिगरेट पीने से दिल की गति यानी पल्स रेट भी अनियमित या तोज़ हो सकती है। यह सारे बैड इफेक्ट्स हार्ट के ऊपर धूम्रपान (Smoking) से पड़ते हैं।

Smoking : क्या होता है सिगरेट पीने से दिल में , क्यों बढ़ता है Heart Attack का खतरा
सिगरेट पीने से किन बीमारियों का रिस्क बढ़ता है

सिगरेट पीने से बहुत सारी बीमारियां होती हैं। ये बीमारियां सिर्फ दिल (Heart) से ही नहीं बल्कि फेफड़ों (Lungs) और दूसरे अंगों से भी जुड़ी होती हैं। इसमें मुख्यतः दिल की बीमारीयां जैसे हार्ट अटैक, हार्ट फेलियर, कोरोनरी आर्टरी डिज़ीज़ और पेरिफ़ेरल आर्टरी डिज़ीज़ शामिल हैं। पेरिफ़ेरेल आर्टरी (Peripheral Artery) डिज़ीज़ में हाथ-पैरों तक खून ले जाने वाली धमनियों में ब्लॉकेज आ जाता है। दिल (Heart) के अलावा, Smoking से फेफड़ों का कैंसर हो सकता है। इससे सांस से जुड़ी बीमारियां, जैसे COPD या क्रोनिक कफ (Chronic Cough) हो सकता है। शरीर के कुछ दूसरे अंगों के कैंसर भी Smoking से संबंधित होते हैं जैसे मुंह का कैंसर, गले का कैंसर, ब्लैडर या किडनी का कैंसर। इसके अलावा युवाओं में इनफर्टिलिटी की दिक्कत भी हो सकती है।

सिगरेट पीते हैं तो दिल से जुड़े किन लक्षणों पर नज़र ज़रूर रखें

  • चलने-फिरने पर सीने में दबाव या भारीपन आने लगे।
  • चलने-फिरने या कोई भी काम करने पर सांस फूलना।
  • थकान  और घबराहट होना।
  • चलने-फिरने या कुछ काम करने पर पर हाथों पैरों में दर्द होना।
  • सांस से जुड़ी दिक्कतें होना, जैसे बार-बार खांसी आना, थोड़ा चलने पर सांस फूलना।

इस तरीके की परेशानी होती है तो हमें सतर्क हो जाना चाहिए। यह एक महत्त्वपूर्ण लक्षण होते हैं।

सिगरेट छोड़ने का सही तरीका क्या है

सिगरेट छोड़ने का सबसे महत्त्वपूर्ण तरीका आपका अपना दृढ़ निश्चय और इच्छाशक्ति है। सिगरेट को अपनी दृढ़ निश्चय और इच्छा शक्ति से ही छोड़ा जा सकती है। इसके अलावा इस दृढ़ निश्चय करने और सिगरेट छोड़ने में आप अपने परिवार और दोस्तों की मदद ले सकते हैं। आप अपने डॉक्टर से भी सलाह ले सकते ते हैं। कुछ दवाएं भी होती है जो कि Smoking को छुड़वाने में मदद करती हैं। इसके साथ-साथ कुछ निकोटीन गम्स और कुछ पैचेज़ भी होते हैं, जो सिगरेट छोड़ने के बाद के लक्षणों को कम करते हैं। हालांकि सबसे ज़रूरी चीज़ आपका दृढ़ निश्चय और इच्छाशक्ति ही है।

सिगरेट आपके शरीर के हर अंग के लिए खतरनाक है इसलिए इसे छोड़ दीजिए। अगर खुद नहीं छोड़ पा रहे हैं तो आप प्रोफेशनल मदद ले सकते हैं।

 

Smoking : क्या होता है सिगरेट पीने से दिल में , क्यों बढ़ता है Heart Attack का खतराशाहरुख खान ने अपने 59वें जन्मदिन पर धूम्रपान छोड़ने की बात स्वीकार की

शाहरुख खान ने स्मोकिंग छोड़ दी फिर भी उनकी सांसें क्यों फूल रही है?

आपके साथ भी ऐसा हो रहा है तो जानिए ऐसा क्यों हो रहा है और इससे निपटे कैसे? बॉलीवुड के किंग शाहरुख खान ने 2 नवंबर को अपना 59 वां बर्थडे मनाया। इस मौके पर हुए एक इवेंट में शाहरुख ने बताया कि उन्होंने smoking छोड़ दी है। दरअसल शाहरुख चेन स्मोकर (Chain Smoker) रहे हैं यानी वो लगातार एक के बाद एक सिगरेट पीते थे। आप खुद अंदाजा लगा लीजिए कि दिन भर में वह कितनी सिगरेट पी जाते होंगे लेकिन अब उन्होंने सिगरेट को पूरी तरह ना कह दिया है। एक इवेंट के दौरान शाहरुख खान ने एक ऐसी बात कही जिसे सुनकर सिगरेट छोड़ने वालों के कान खड़े हो गए क्योंकि यह दिक्कत काफी लोगों को होती है। शाहरुख खान ने कहा कि सिगरेट छोड़ने के बाद भी उनकी सांस फूल रही है। उन्हें लगता था कि सिगरेट छोड़ने के बाद ऐसा नहीं होगा पर ऐसा अभी भी हो रहा है। उन्हें उम्मीद है कि जल्दी ठीक हो जाएगें। जो भी इंसान सिगरेट पीता है, उसे सांस फूलने की दिक्कत होती है लेकिन सिगरेट छोड़ने के बाद भी ऐसा क्यों होता है और इससे राहत कैसे पाई जाए?

डॉक्टर बताते हैं कि सिगरेट में निकोटीन और दूसरे केमिकल्स होते हैं। जब ये केमिकल्स शरीर में जाते हैं तो खून की नलिया सिकुड़ जाती हैं। जिससे फेफड़ों (Lungs) को कम ऑक्सीजन मिलता है। जब कोई इंसान सिगरेट छोड़ता है तो फेफड़े (Lungs) ठीक होने लगते हैं। खून की नलिया फैलने लगती हैं। इससे खून का फ्लो बढ़ जाता है। ऐसे में इंसान को सांस फूलने की दिक्कत हो सकती है क्योंकि शरीर को वक्त लगता है नॉर्मल होने में, लेकिन यह धीरे-धीरे ठीक भी हो जाता है। सिगरेट छोड़ने के बाद एंजाइटी और स्ट्रेस भी होता है। इससे भी सांस तेज चलने लगती है और फूलने लगती है हालांकि अच्छी बात यह है कि ये परेशानी थोड़े समय के लिए ही रहती है। सिगरेट छोड़ने के इस साइड इफेक्ट से आप राहत पा सकते हैं।

इसके लिए –

  • खुद को हाइड्रेटेड रखिए।
  • दिन में करीब सात से आठ ग्लास पानी पीजिए।
  • डीप ब्रीदिंग एक्सरसाइज करिए यानी गहरी-गहरी सांसे लीजिए।

इससे फेफड़ों की क्षमता सुधरती है। स्ट्रेस कम करने के लिए योगा करिए, ध्यान लगाइए, आप तेज तेज चल सकते हैं, स्विमिंग और साइकलिंग भी कर सकते हैं। इनसे फेफड़े बेहतर तरीके से काम कर पाते हैं।

साथ ही ऐसी चीजें खाइए जिनमें एंटीऑक्सीडेंट्स और ओमेगा थ्री फैटी एसिड हो। एंटीऑक्सीडेंट के लिए हरी सब्जियां जैसे ब्रॉकली, पालक, गोभी, टमाटर, बेरीज और खट्टे फल खाए जा सकते हैं। वही ओमेगा थ्री फैटी एसिड के लिए चिया सीड्स, अलसी के बीज, मछली, राजमा और अखरोट खा सकते हैं।

अगर फिर भी दिक्कत रहती है तो डॉक्टर से जरूर मिलिए।

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अस्वीकरण : दी गई जानकारी, उपचार के तरीके और सलाह विशेषज्ञों और सार्वजनिक डोमेन के अनुभव पर आधारित हैं। किसी भी सलाह पर अमल करने से पहले कृपया अपने डॉक्टर से सलाह लें. यह स्वास्थ्य लेख आपको स्वयं दवाएँ लेने की सलाह नहीं देता है।

Anil Paal 


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