हाल ही में नोरो वायरस (Norovirus) चर्चा में है, जो एक अत्यधिक संक्रामक पेट संक्रमण है। इस पर चर्चा इसलिए महत्वपूर्ण है क्योंकि प्रतिवर्ष इसके करीब 685 मिलियन (68 करोड़) मामले दर्ज होते हैं, जिनमें से 200 मिलियन (20 करोड़) मामले केवल बच्चों के होते हैं। यानी लगभग 20 करोड़ बच्चे हर साल इस वायरस से प्रभावित होते हैं। इस लेख में हम नोरो वायरस के बारे में विस्तार से जानेंगे—इसके लक्षण, इसके प्रभाव, बचाव के तरीके और इलाज के बारे में।

नोरो वायरस की जानकारी
नोरो वायरस एक पेट संबंधी संक्रमण है, जिसे कभी-कभी "विंटर वोमिटिंग बग"(Winter Vomiting Bug) भी कहा जाता है। यह दूषित भोजन, पानी और सतहों के संपर्क से फैल सकता है। इसका प्रमुख प्रभाव पेट पर होता है, और यह उल्टी तथा दस्त जैसे लक्षण पैदा करता है। यह वायरस हर आयु वर्ग के लोगों को प्रभावित कर सकता है, चाहे वे बच्चे हों, युवा, बुजुर्ग या महिलाएं। विशेष रूप से यह संक्रमण क्रूज जहाजों, नर्सिंग होम्स, छात्रावासों और बंद स्थानों पर तेजी से फैलता है।
विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार, नोरो वायरस आंतों की सूजन और कुपोषण से जुड़ा होता है और दीर्घकालिक बीमारियों का कारण बन सकता है। हर साल, यह वायरस करीब 68 करोड़ मामलों का कारण बनता है, जिनमें 5 साल से कम उम्र के बच्चों में लगभग 20 करोड़ मामले होते हैं। यह वायरस खाद्य जनित बीमारियों का प्रमुख कारण है और विश्वभर में इसके कारण होने वाली बीमारियों की संख्या 55-58% है।
नोरो वायरस के लक्षण
नोरो वायरस के लक्षण वायरस के संपर्क में आने के एक से दो दिन बाद दिखने लगते हैं। इसके सामान्य लक्षण हैं:
- उल्टी और दस्त
- पेट दर्द
- बुखार
- सिर दर्द
- शरीर में दर्द
गंभीर मामलों में, निर्जलीकरण (dehydration) हो सकता है, क्योंकि उल्टी और दस्त से शरीर में पानी की कमी हो जाती है। ऐसे मामलों में पानी पीने की सलाह दी जाती है।
सावधानियाँ
नोरो वायरस के कई स्ट्रेन होते हैं, इसलिए एक व्यक्ति एक से अधिक बार संक्रमित हो सकता है। यह वायरस कई कीटाणुनाशकों से बच सकता है, जैसे कि हाथों की सफाई के लिए उपयोग होने वाला हैंड सैनिटाइज़र, और यह 60 डिग्री सेल्सियस तक तापमान को भी सहन कर सकता है। इसलिए भोजन को ठीक से पकाना और सतहों को सही तरीके से कीटाणुरहित करना महत्वपूर्ण है।
कुछ प्रमुख सावधानियाँ:
- शौचालय उपयोग या डाइपर बदलने के बाद हाथ अच्छे से धोएं।
- खाने से पहले और खाना बनाने से पहले हाथ धोना चाहिए।
- यदि वायरस का प्रकोप अधिक हो, तो सतहों को 5000 PPM (parts per million) हाइपोक्लोराइट घोल से साफ करें।
- संक्रमित व्यक्तियों को दूसरों से दूर रहना चाहिए और वे बीमार होने के दौरान या लक्षण खत्म होने के दो दिन बाद तक दूसरों के लिए खाना न बनाएं।
उपचार
नोरो वायरस का कोई विशेष उपचार नहीं है और यह आमतौर पर 2-3 दिन में अपने आप ठीक हो जाता है। रोगी को आराम और भरपूर पानी पीने की सलाह दी जाती है, क्योंकि निर्जलीकरण एक प्रमुख समस्या होती है। अगर लक्षण गंभीर हो जाएं, तो IV (intravenous) के माध्यम से तरल पदार्थों की आपूर्ति की जा सकती है। इस वायरस का निदान वास्तविक समय रिवर्स ट्रांसक्रिप्शन-पॉलीमरेज़ चेन रिएक्शन (RT-PCR) के माध्यम से किया जाता है।
हालांकि इस वायरस का कोई टीका उपलब्ध नहीं है, लेकिन उचित हाइड्रेशन और आराम से अधिकांश लोग इससे उबर जाते हैं। गंभीर मामलों में, डॉक्टर द्वारा अतिरिक्त उपचार की आवश्यकता हो सकती है।
निष्कर्ष
नोरो वायरस एक संक्रामक और आम पेट संक्रमण है, जिसे यदि समय रहते नियंत्रित न किया जाए तो यह बड़े पैमाने पर फैल सकता है। इसके लक्षणों और सावधानियों के बारे में जानकारी रखना महत्वपूर्ण है, ताकि इसे फैलने से रोका जा सके और प्रभावित व्यक्तियों का जल्दी उपचार किया जा सके।
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By Anil Paal
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