गौतम अदाणी (Gautam Adani) और उनके भतीजे सागर अदाणी (Sagar Adani) समेत सात लोगों पर अमेरिका में रिश्वतखोरी के आरोप लगे थे। अमेरिका में लगे इन आरोपों के वजह से अडाणी समूह को अरबों का नुकसान उठाना पड़ा है। लोकसभा में भी रिश्वतखोरी के मुद्दे को लेकर खूब हंगामा हुआ। इन आरोपों की वजह से शेयर मार्केट में भी हलचल देखने को मिली।

कंपनी का बयान
अब ग्रीन एनर्जी लिमिटेड की तरफ से एक बयान आया है। कंपनी के बयान में यह कहा गया है कि गौतम अडाणी, उनके भतीजे सागर अडाणी और कंपनी के सीनियर अधिकारी विनीत जैन पर अमेरिका में विदेशी भ्रष्ट आचरण अधिनियम यानी FCPA के उल्लंघन का कोई आरोप नहीं लगा है। कंपनी ने मीडिया द्वारा छापी गयी उन सभी रिपोर्ट्स को झूठा बताया, जिसमें कि गौतम अडाणी और सागर अडाणी पर अमेरिका में विदेशी भ्रष्ट आचरण अधिनियम के तहत रिश्वत देने के आरोप लगे थे। अडाणी ग्रीन एनर्जी लिमिटेड की तरफ से स्टॉक एक्सचेंज को यह जानकारी दी गई है।
अदाणी ग्रीन लिमिटेड ने बयान में यह भी बताया कि अमेरिकी न्याय विभाग के अभियोग में सिर्फ एजोर पावर और एक कनाडा के प्राइवेट इक्विटी फर्म CDPQ के अधिकारियों पर रिश्वतखोरी का आरोप लगया गया है। एफसीपीए का उल्लंघन करने की साजिश में रंजीत गुप्ता, सिरल कैबिनेट, सौरव अग्रवाल, दीपक मल्होत्रा और रूपेश अग्रवाल को शामिल किया गया है। कंपनी की तरफ से जारी बयान में जानकारी दी गई कि गौतम अदाणी और उनके सहयोगियों को न्याय में बाधा डालने के आरोपों में नहीं फंसाया गया है। न्याय में बाधा डालने की साजिश में सिरल कैबिनेट, सौरभ अग्रवाल, दीपक मल्होत्रा और रूपेश अग्रवाल का नाम है।
अदाणी पर आरोप
आपराधिक अभियोग में गौतम अदाणी, सागर अदाणी और विनीत जैन के खिलाफ तीन आरोप दर्ज हैं। पहला कथित सिक्योरिटीज फ्रॉड की साजिश करना, दूसरा कथित वाय फ्रॉड की साजिश और तीसरा आरोप सिक्योरिटी फ्रॉड को लेकर है।
आप को बता दें कि वाय फ्रॉड ऐसे वित्तीय धोखाधड़ी को कहते हैं जिसमें इलेक्ट्रॉनिक कम्युनिकेशन का इस्तेमाल हुआ हो। वहीं इस मामले में सीनियर एडवोकेट और पूर्व अटॉर्नी जनरल मुकुल रोहतगी ने भी कहा कि कथित रिश्वतखोरी में गौतम अडाणी और उनके भतीजे पर अमेरिकी विदेशी भ्रष्ट आचरण अधिनियम के तहत उल्लंघन का आरोप नहीं लगाया गया है। मीडिया को जानकारी देते हुए रोहतगी ने कहा कि आरोपों में इस बात का जिक्र किया गया है कि अदाणी ने सोलर एनर्जी से जुड़े कॉन्ट्रैक्ट के लिए भारत में मोटी रिश्वत दी, लेकिन इसमें यह उल्लेख नहीं किया गया कि उन्हें किस तरह की रिश्वत दी गई। मुकुल रोहतगी ने आगे कहा इस अभियोग में पांच आरोप हैं लेकिन एक और पांच आरोप या धाराएं अन्य की तुलना में ज्यादा महत्त्वपूर्ण है गौतम अदाणी और उनके भतीजे पर एफसीपीए के तहत आरोप नहीं लगाया गया है। अदाणी ग्रीन एनर्जी की तरफ से बयान आने के बाद बुधवार को अदाणी समूह की कंपनियों के शेयरों में भारी उछाल देखने को मिला।
अपको बता दें कि अमेरिका में गौतम अदाणी पर रिश्वत देने के आरोपों के बाद अदाणी समूह काफी मुश्किलों का सामना कर रहा है। अमेरिका में गौतम अदाणी और उनके भतीजे सागर अदाणी के साथ सात अन लोगों पर धोखाधड़ी के कई आरोप लगाए गए हैं। अमेरिकी अधिकारियोंं का कहना है कि गौतम अदाणी और इन लोगों ने भारत के सरकारी अधिकारियों को लगभग 22240 करोड़ रुपए दिए हैं और आरोप है कि यह रिश्वत इसलिए दी गई ताकि उन्हें भारत के अलग-अलग राज्यों में बिजली वितरण कंपनियों से सोलर एनर्जी प्रोजेक्ट्स के कॉन्ट्रेक्ट्स मिल सके। यह रिश्वत 2020 और 2024 के बीच दी गई थी। बताया गया है कि अडाणी समूह को यह एनर्जी कॉन्ट्रक्ट हासिल करके अगले 20 सालों में करीब 2 अरब डॉलर यानी 17000 करोड़ रुपए मुनाफा कमाने की उम्मीद थी।
साल 2023 के शुरुआत में भी अमेरिकी शॉर्ट सेलर हिंडन बर्ग रिसर्च की रिपोर्ट के बाद अदाणी समूह के शेयर बुरी तरह से गिरे थे। हिंडन बर्ग ने अदाणी समूह पर स्टॉक मैनिपुलेशन और बही खातों में गड़बड़ी समेत 88 आरोप लगाए थे।
इसे भी पढ़ें ः कैसे Adani देश के अमीर व्यक्ति बने, कैसे Adani ने अपना बिज़नेस बढ़ाया?
By Anil Paal
0 टिप्पणियाँ