इंटरनेशनल जेमोलऑजिकल इंस्टीट्यूट (International Gemological Institute) एक स्वतंत्र प्रयोगशाला है जो हीरे, रत्न और आभूषणों को ग्रेड और प्रमाणित करती है। इनका काम न सिर्फ ज्वैलर्स के लिए बल्कि खरीदारों के लिए भी विश्वास का स्रोत बन चुका है। मतलब अगर कोई कहे कि ये हीरे IGI सर्टिफिकेट के साथ हैं तो एक अलग ही भरोसा हो जाता है। आईजिआई का काम न केवल खरीदारों के लिए गहनों को प्रमाणित करना है, बल्कि प्रामाणिकता की गारंटी देकर ज्वैलर्स की प्रतिष्ठा की रक्षा रकना भी है। तो चाहे फिर आप अपनी शादी के लिए डायमंड खरीद रहे हो या फिर एक अच्छा इन्वेस्टमेंट कर रहे हो, आईजीआई ये इंश्योर करता है कि आप जो पैसा दे रहे हो उसकी वैल्यू आपको समझ आए और इन्वेस्टमेंट की बात करें तो आईजीआई का IPO आने वाला है। क्या ये आपके लिए अगली बड़ी अपॉर्चुनिटी हो सकती है इस आर्टिकल का उद्देश्य है आपको इस कंपनी और आईपीओ के बारे में बताना।

इसके लिए हम इन 5 कैटेगरी को समझेंगे-
- आईपीओ डिटेल्स (IPO Details)
- बिजनेस ओवरव्यू (Business Overview)
- स्ट्रेंथ एंड वीकनेसेस (Strengths & Weaknesses)
- पियर वैल्युएशंस (Peer Valuations)
- फाइनेंशियल्स (Financials)
1. आईपीओ डिटेल्स (IPO Details)

पहले समझते हैं कि 1,100 करोड़ के प्रोसीड्स यानी 74.57 प्रतिशत वो कहां यूज किया जाएगा। इसका उपयोग किया जाएगा आईजीआई बेल्जियम ग्रुप एंड आईजीआई नेदर एंड्स ग्रुप को कंपनी के प्रमोटर से एक्वायर करने के पर्पस के लिए। बचें हुए प्रोसीड्स यूज किए जाएंगे जनरल कॉर्पोरेट पर्पस के लिए।
2. बिजनेस ओवरव्यू (Business Overview)
आज के टाइम में ग्लोबल ज्वेलरी मार्केट की वैल्यू लगभग 26,600 बिलियन रुपये है और सिग्निफिकेंट ग्रो हो रही है। चाइना, इंडिया, यूएस सबसे बड़े कंज्यूमर मार्केट्स हैं और ये तीन देश 74 प्रतिशत मार्केट शेयर कंट्रीब्यूट करते है। मार्केट का ओवरऑल ग्रोथ रेट 2023 से 2028 तक 3 से 6 प्रतिशत एक्सपेक्टेड है लेकिन गोल्ड और डायमंड स्टार्टेड ज्वेलरी का ग्रोथ रेट थोड़ा ज्यादा हो सकता है लगभग 5 से 6 प्रतिशत। इस ग्रोथ की मेन डिमांड साइड ड्राइवर्स हैं।
1. डेली वेयर ज्वेलरी (Daily Wear Jewelry)
आजकल लोग ज्वेलरी को एक स्टेटस सिंबल की तरह नहीं बल्कि एक फैशन एक्सेसरीज की तकह देखते हैं। डेली ज्वेलरी जैसे रिंग्स, ब्रेसलेट्स और अंकलेट्स की डिमांड बढ़ रही है जो अफोर्डेबल और स्टाइलिश ऑप्शंस भी ऑफर करते हैं, जैसे डेमी-फाइन ज्वेलरी (Demi-Fime Jewelry) लैब-ग्रोन डायमंड्स (Lab-Grown Diamaonds)।
2. ट्रेंड्स एंड एस्थेटिक्स (Trends and Aesthetics)
ज्वेलरी का स्टाइल और डिजाइन भी अपग्रेड हो रहा है। लोग कलर स्टोंस, टेंजाइनाइट और गार्नेट्स को प्रेफर कर रहे हैं जो पिछले कुछ सालों में कम पॉपुलर थे।
3. ब्रांडेड ज्वेलरी (Branded Jewelry)
लग्जरी ब्रांड जैसे Prada, Gucci ने रिसेंटली ज्वेलरी मार्केट में अपनी एंट्री की है और ये हाई एंड डायमंड स्टार्टेड ज्वेलरी की डिमांड को फर्दर ड्राइव कर रहे हैं और इनके सप्लाई साइड ड्राइवर्स हैं।
1. इनोवेशन एंड डिजान (Innovation and Design)
मैन्युफैक्चर्स नए डिजाइंस और मटेरियल ला रहे हैं जैसे कलर स्टोंस और पर्सनल इंग्रोविंग्स। ये इनोवेशन मार्केट को ड्राइव कर रही है।
2. डेमी-फाइन ज्वेलरी (Demi-Fine Jewelry)
डेमी-फाइन ज्वेलरी का ट्रेंड्स बढ़ रहा है जो क्वालिटी क्राफ्ट्समैनशिप को अफोर्डेबल प्राइसेस पर ऑफर करता है। फास्ट फैशन और हाई एंड ज्वेलरी के बीच एक ब्रिज बनता है।
3. ऑनलाइन रिटेल ग्रोथ (Online Retail Growth)
ऑनलाइन शॉपिंग का राइज भी ज्वेलरी मार्केट को सपोर्ट कर रहा है। फाइन ज्वेलरी का ऑनलाइन शेयर 2023 में 15 प्रतिशत था और 2028 तक ये 25 प्रतिशत पहुंच सकता है और साथ ही लैब-ग्रोन डायमंड्म की प्रोडक्शन कॉस्ट काफी कम है और ये नेचुरल डायमंड्स के कंपैरिजन में अफोर्डेबल होते हैं।
ये फैक्टर इंडिय कंज्यूमर्स को अट्रैक्ट करते हैं। प्रइसेस का डिक्लाइन होने की वजह से लैब-ग्रोन डायमंड्स (LGDs) अब कम इनकम और मिडिल इनकम कस्टमर्स के लिए भी एक्सेसिबल है। इसके अलावा LGDs के एनवायरमेंटल और एथिकल बेनिफिट्स भी उनको पॉपुलर बना रहे हैं। ग्लोबल लेवल पर देखते हैं तो ज्वेलरी इंडस्ट्री रैपिड ग्रो कर रही है खास कर इंडिया में। बढ़ती खर्च योग्य आय, बदलती उपभोक्ता प्राथमिकताएं और नवीन डिजाइनों ने बाजार को नई ऊंचाइयों पर पहुंचाया है। इंडिया का मार्केट 2028 तक सबसे फास्ट ग्रोइंग इकॉनमी बनने वाला है जो इस इंडस्ट्री में एक मेजर प्लेयर के रूप में दिखेगा। अब समझते हैं कि इन सब फैक्टर्स के बीच IGI कैसे फिट होता है।
आईजीआई इंडिया जो आईजीआई का एक हिस्सा है नेचुरल डायमंड्स, लैब-ग्रोन डाेयमंड्स, स्टडीड ज्वेलरी और कलर स्टोन की सर्टिफिकेशन और एक्रेडिटेड सर्विसेस प्रोवाइड करता है। ये कंपनी अपनी एजुकेशनल प्रोग्राम्स के लिए भी फेमस है। एक रिपोर्ट के मुताबिक आईजीआई 2023 में रेवेन्यू के हिसाब से दुनिया का दूसरा लार्जेस्ट इंडिपेंडेंट सर्टिफिकेशन प्रोवाइडर है, जिसका ग्लोबल मार्केट शेयर लगभग 33 प्रतिशत है। इंडिया जो पॉलिश डायमंड्स के लिए ग्लोबल हब है, वहां आईजीआई का लगभग 50 प्रतिशत शेयर है। लैब-ग्रोन डायमंड्स की सर्टिफिकेशन में जो सबसे फास्टेस्ट ग्रोइंग सेगमेंट है आईजीआई उस में ग्लोबल लीडर है 65 प्रतिशत मार्केट शेयर के साथ। आईजीआई की प्रायोरिटी हमेशा से क्वालिटी एक्यूरेसी और इंटीग्रिटी रही है और यह उनको ग्लोबल मार्केट में एक ट्रस्टेड ब्रांड बनाता है। मई 2023 में आईजीआई को ब्लैक स्टोन ने एक्वायर किया था।
इनके की प्रोडक्ट और सर्विस ऑफरिंगस यह है-
1.कंप्रिहेंसिव डायमंड ग्रोडिंग (Comprehensive Diamond Grading)
ये फोकस करता है नेचुरल और लैब-ग्रोन डायमंड के 4C's को असेस करके रिपोर्ट्स इशू करने में। 4C's मतलब कट, कलर, क्लोरिटी एंड कैरेट वेट इसके साथ ही फ्लोरेसेंस और सिमेट्री पर भी रिपोर्ट्स इशू करता है।
2.क्वालिटी एंड ऑथेंटिसिटी (Quality and Authenticity)
क्वालिटी एंड ऑथेंटिसिटी ऑफ कलर्ड स्टोंस को इवेलुएट करना। इसमें रूबी, सफायर, एमरल जैसे कई कलर्ड स्टोंस आते हैं।
3. फिनिश ज्वेलरी पीसेज की ग्रेडिंग और असेसमेंट (Grading and Assessment of Finished Jewelery pieces)
इसमें असेसमेंट ऑफ डायमंड्स, कलर स्टोंस, क्राफ्ट्समैनशिप और ओवरऑल वैल्यू शामिल है।
4. एजुकेशनल प्रोग्राम्स और कोर्सेस (Educational Programs and Courses)
एजुकेशनल प्रोग्राम्स और कोर्सेस को कंडक्ट कराना।
अब इनके रेवेन्यू स्ट्रीम्स को देखते हैं।

इसके मुताबिक इनका मेन रेवेन्यू उनके ऑपरेशंस और क्रेडिट और एक्रेडिटेड सर्विसेस से आता है। अब आपको इनका बिजनेस इंडस्ट्री इंसाइट्स और रेवेन्यू स्ट्रीम समझ आ गए होंगे।
3. स्ट्रेंथ एंड वीकनेसेस (Strengths & Weaknesses)
इनकी पहली स्ट्रेंथ ये है कि आईजीआई दुनिया का दूसरा लार्जेस्ट इंडिपेंडेंट सर्टिफिकेशन और एक्रेडिटेड सर्विसेस प्रोवाइडर है जो एक बड़ी स्ट्रेंथ है। 2023 में इसका ग्लोबल मार्केट शेयर लगभग 33 प्रतिशत है और इंडिया में यह लीडर है 50 प्रतिशत मार्केट शेयर के साथ, डायमंड्स, स्टडेड ज्वेलरी और कलर स्टोन सर्टिफिकेशंस में। इससे समझ जाते है कि IGI के पास एक्सटेंसिव नॉलेज और एक्सपीरियंस है। IGI के पास एक वाइड इंटरनेशनल प्रेजेंस है इन देशों में जैसे यूएस, पीआरसी, बेल्जियम और यूएई जो इसे एक ग्लोबल प्लेयर बनाता है। सर्टिफिकेशन और एक्रेडिटेड इंटस्ट्री में हाई एंट्री बैरियर्स हैं जैसे ट्रस्ट रिकग्निशन, हाई सेटअप कॉस्ट और एस्टेब्लिश एजुकेशनल प्रैक्टिसेस जो नए प्लेयर्स के लिए कंपटीशन टफ बनाता है। इंडिया जो दुनिया का सबसे बड़ा डायमंड कटिंग और पॉलिशिंग सेंटर है 95 प्रतिशत बाय द वे इन वॉल्यूम टर्म्स। IGI की स्ट्रांग प्रेजेंस की वजह से इस मार्केट में उसकी पोजीशन और स्ट्रांग हो गई है।
दूसरी स्ट्रेंथ यह है कि यह सभी टॉप थ्री कंपनीज है जो इस इंडस्ट्री में एक फुल स्टैक ऑफ सर्विसेस प्रोवाइड करते हैं जो इनके लिए एक बहुत बड़ी स्ट्रेंथ है। ये नेचुरल डायमंड्स लैब-ग्रोन डायमंड्स स्टडेड ज्वेलरी और कलर्ड स्टोंस के लिए सर्टिफिकेशन, को-ब्रांंडेड रिपोर्ट्स, ग्रेडिंग और एक्रेडिट्ड सर्विसेस देता है। बेसिकली यह कस्टमर्स को एक वन स्टॉप सॉल्यूशन प्रोवाइड करता है और साथ ही एजुकेशन सॉल्यूशंस भी ऑफर करते है।
तीसरा यह कंसिस्टेंटली मार्जीन और रीटर्नस में ग्रोथ अचीव करने का एक अच्छा ट्रैक रिकॉर्ड सेट कर चुकी है। आईजीआई ने अपने फाइनेंशियल मैट्रिक्स में कंसिस्टेंटली ग्रोथ दिखाई है और ये इनको एक स्ट्रांग ट्रैक रिकॉर्ड देता है।

2021 से 2023 तक इनके रेवेन्यू फ्रॉम ऑपरेशन 75.09 प्रतिशत से ग्रो हुए हैं, एबिड्डा मार्जिस भी काफी अच्छे स्केल पर इंक्रीज हुए हैं। कम कैपिटल एक्सपेंडिचर उनकी एक और स्ट्रेंथ है,2023 में सिर्फ 38.9 करोड़ रुपये का कैपिटल एक्सपेंडिचर किया जो रेवेन्यू का 6.09 प्रतिशत था। ये मॉडल उन्हें हाई रिटर्न ऑन कैपिटल एंप्लॉयड (जोकि 2023 में 80.96 प्रतिशत था और रिटर्न ऑन नेट वर्थ जोकि 2023 में 76.58 प्रतिशत था) डिलीवर करने में मदद करता है। सूरत फैसिलिटी के डेवलपमेंट के लिए कैपिटल एक्सपेंडिचर की वजह से फाइनेंशियल ईयर 2023 के कुछ रिटर्न्स डिक्रीज हुए लेकिन फिर भी प्रॉफिटेबिलिटी स्ट्रांग बनी रही।
चौथा इस कंपनी की मैनेजमेंट टीम काफी स्ट्रांग है और सबसे बड़ी बात इनको वर्ल्ड की लार्जेस्ट एसेट मैनेजर बैक कर रहे है।आईजीआई की एक्सपीरियंस और डावर्स मैनेजमेंट टीम इनके लिए एक स्ट्रांग प्लस पॉइंट है। इनकी लीडरशिप टीम में हाईली क्वालिफाइड प्रोफेशनल्स शामिल हैं और इनमें काफी लोग ऐसे भी हैं जो आईजीआई के साथ काफी लंबे टाइम से जुडे़ हुए हैं। इनके मैनेजिंग डायरेक्टर, सीईओ Tehmasp Nariman Printer, इनको इस इंडस्ट्री के काफी एक्सीलेंस अवार्ड से नवाज़ा भी गया है। इनके ग्लोबल सीईओ 22 साल से आईजीआई के साथ है और कस्टमर रिलेशनशिप्स मैनेज करने में की रोल प्ले कर रहे है साथ ही आईजीआई का प्रमोटर है ब्लैक स्टोन जो वर्ल्ड्स लार्जेस्ट अल्टरनेटिव एसेट मैनेजर है। ब्लैक स्टोन की एक्सपर्टिज और रिसोर्सस आईजीआई को गवर्नेंस और स्ट्रेटजी में और स्ट्रेंथ करते हैं और बिजनेस को ग्लोबल लेवल पर सस्टेन करने में हेल्प करते हैं। एक खास बात इनके ज्यादा कंपिटेटर्स भी नहीं है। ये इनके लिए एक अच्छी स्ट्रेंथ है कि इनकी कोई भी लिस्टेड पियर्स नहीं है। ये इनको एक अच्छा कंपेटेटिव एडवांटेड देता है।
अब वीकनेसेस भी देखते हैं-
1. ऑपरेशनल इनएफिशिएंसी रिस्क
आईजीआई नेदर एंड्स और आईजीआई बेल्डियम की प्रपोज्ड एक्विजिशन के बाद आईजीआई के लिए ऑपरेशनल इनएफिशिएंसी एक वीकनेस बन सकती है, स्पेशली पोस्ट प्रपोज्ड एक्विजिशंस। इन एक्विजिशंस के बाद यह आईजीआई बेल्जियम और नेदर एंड्स का सोल शेयर होल्डर बन जाएगा और ग्लोबल ऑपरेशंस को मैनेज करना आईजीआई इंडिया की रिस्पांसिबिलिटी होगी। इससे लॉजिस्टिक्स और मैनेजरियल चैलेंज अराइज हो सकते हैं, जैसे मल्टीपल देशों में स्टाफ का कोऑर्डिनेशन, मल्टीपल लैंग्वेजेस और कल्चर्सल करना और मैनेजमेंट स्टैंडर्ड्स और प्रोसीजर्स में इनकंसिस्टेंसी होने का रिस्क मतलब आईजीआई को इंटरनेशनली डिस्पर्स ऑपरेशंस को मैनेज करने में डिफिकल्टी हो सकती है जो इनके लिए एक वीकनेस बन सकता है।
2. जेम इंडस्ट्री काफी साइक्लिकल है
आईजीआई का एक वीकनेस है कि ये इंडस्ट्री काफी साइक्लिकल है यानी इकोनॉमिक फैक्टर्स पर डिपेंड करती है। डायमंड और ज्वेलरी मार्केट का डिमांड और सप्लाई साइकिल ग्लोबल इकोनॉमिक कंडीशंस, डिस्पोजेबल इनकम लेवल्स और फेस्टिवल या ओकेजनल बाइंग पैटर्न से डायरेक्टली लिंक्ड है। आईजीआई को एक स्टेडी ग्रोथ मेंटेन करने में डिमांड रिलेटेड चैलेंज आ सकते हैं।
3. अपने टॉप 15 कस्टमर्स को न रिटेन कर पाना
आईजीआई की एक बड़ी वीकनेस यह भी है कि व अपने टॉप 15 कस्टमर्स पर काफी डिपेंडेंट है जो उनके टोटल रेवेन्यू का एक सिग्निफिकेंट हिस्सा है। 2023 में टॉप 15 कस्टमर्स से 46.46 प्रतिशत रेवेन्यू आया था। पोस्ट एक्विजिशन अगर आईजीआई अपने टॉप 15 कस्टमर्स को रिटेन नहीं कर पाया तो ये इनके लिए एक नेगेटिव इंपैक्ट ला सकता है।

4. ग्रेडिंग प्रोसेस के सब्जैक्टिव नेचर की वजह से फ्रॉड डिस्क्रिपेंसिस को ना रोका पाना
आईजीआई की ग्रेडिंग प्रोसेस की एक बड़ी वीकनेस यह है कि ये काफी सब्जेक्टिव है और ये जेमोलॉजिस्ट और इंस्टीट्यूशंस के बीच वेरी कर सकता है। इंडस्ट्री स्टैंडर्ड्स के मुताबिक डायमंड्स को 4C's के बेसिस पर ग्रेड किया जाता है (कट, कलर, क्लेरिटी और कैरेट) लेकिन जजमेंट में डिफरेंसेस हो सकते हैं यानी ग्रेडिंग एरर्स होने का रिस्क हमेशा रहता है। ग्रेडिंग प्रोसेस के कॉम्प्लेक्शन और ह्यूमन एरर की वजह से इन्यूज और मिसजजमेंट होने की पॉसिबिलिटी भी रहती है। अगर ग्रेडिंग एरर्स बढ़ते हैं या फ्रॉड डिटेक्ट नहीं होता तो कस्टमर्स डिसेटिस्फाइड हो सकते हैं और आईजीआई लीगल रिस्क फेस कर सकती है। यह आईजीआई के बिज़नेस पर नेगेटिव इंपैक्ट कर सकता हैं स्पेशली अगर ग्रेडिंग आउटकम्स इंडस्ट्री टॉलरेंस से ज्यादा डिफर करते हैं जो लीगल क्लेम्म डिफेक्शन बढ़ा सकते हैं।
5. काउंटर फिट सर्टिफिकेट्स का रिस्क
आईजीआई के ऊपर एक बहुत बड़ी रिस्पांसिबिलिटी है अपने इंटेलेक्चुअल प्रॉपर्टी या आईपी और प्रोप्रराइटरी राइट्स को इफेक्टिवली प्रोटेक्ट, इंफोर्स और मेंटेन करने की। फ्यूचर में नए आईपी रजिस्ट्रेशंस मिलने की कोई गारंटी नहीं है जो आईजीआई के कंपेटेटिव एडवांटेज को इंपेक्ट कर सकता है। फ्रोर्डलेंस सर्टिफिकेशंस और काउंटर फिट इंक्रिप्शन का भी रिस्क है जो ब्रांड की क्रेडिबिलिटी को इंपैक्ट कर सकता है। आईजीआई को अपने सिस्टम्स और ट्रेनिंग में इन्वेस्ट करना पड़ता है लेकिन एडवांस टेक्नोलॉजी फ्रॉडस्टर्स के लिए नई चैलेंज क्रिएट कर सकती है।
4. पियर वैल्युएशंस (Peer Valuations)
अकॉर्डिंग टू द आरएचपी इस कंपनी के कोई भी पियर्स नहीं है इंडिया में और ग्लोबली। देखा जाए तो IGI के लिए एक टफ कंपीटेटर के रूप में जीआई या जेमोलॉजिकल इंस्टिट्यूट ऑफ अमेरिका (Gemological Institute of America) है लेकिन क्योंकि जीआई एक लिस्टेड कंपनी नहीं है। उनके फाइनेंशियल रिपोर्ट्स एक्सेसिबल नहीं है। जीआई और आईजीआई दोनों ही डायमंड ग्रेडिंग और सर्टिफिकेशन में इंडस्ट्री के बड़े नाम हैं लेकिन काफी सारे ब्लॉग पोस्ट, वेबसाइट्स और रिव्यूज के बेसिस पर हम उनकी कुछ की-डिफरेंसेस समझ सकते हैं। जीआई ग्लोबली गोल्ड स्टैंड माना जाता है ड्यू टू स्ट्रिक्ट ग्रेडिंग प्रोटोकॉल्स एंड अन बायस रेपुटेशन। ये इंस्टिट्यूट सिर्फ नेचुरल डायमंड्स के लिए पॉपुलर है और इनका फोकस ज्यादा रिसर्च और एजुकेशन पर होता है। इसके सर्टिफिकेट्स मार्केट में हाई रिसेल वैल्यू को इंश्योर करते हैं। भाई आईजीआई अपने कॉस्ट इफेक्टिव और फास्ट सर्टिफिकेशन के लिए जाना जाता है जो ज्यादा एक्सेसिबल है। स्पेशली लैब-ग्रोन डायमंड्स और ज्वेलरी सर्टिफिकेशन में आईजीआई के ग्रेडिंग स्टैंडर्ड्स कंसिस्टेंट है लेकिन इंडस्ट्री में कभी-कभी इन्हें लेस स्ट्रिक्ट कहा जाता है कंपेयर्ड टू जीआई।
5. फाइनेंशियल्स (Financials)
यह बात नोट करने वाली है कि इस कंपनी की फाइनेंशियल ईयर कमेंस होती है जनवरी 1 से और एंड होती है 31 दिसंबर को।


इंप्रेसिवली आईजीआई का 2 ईयर सेल्स कंपाउंडेड एनुअल ग्रोथ रेट कैगर है 31.65 प्रतिशत और इनका 2 ईयर प्रॉफिट आफ्टर टैक्स कैगर है 37.59 प्रतिशत, मतलब ये एक अच्छे ग्रोथ ट्रेजेक्ट्री पर है। ये फिगर्स 31 दिसंबर 2023 तक है लेकिन इनकी 31 मार्च 2024 फिगर्स भी देखते हैं जनवरी से लेके मार्च तक इनकी टोटल इनकम रही है ₹21 5.66 करोड़ एंड यह इनके प्रीवियस ईयर से ज्यादा है और इन्हीं थ्री मंथ्स का इनका प्रॉफिट रहा है ₹124.8 करोड़। यह कंसिस्टेंट रेवेन्यू और प्रॉफिट ग्रोथ इनकी स्ट्रांग डिमांड और ऑपरेशनल एफिशिएंसी दिखाती है और तो और इनके रिटर्न ऑन नेटवर्थ को देखो 76.58 प्रतिशत ये तो काफी ज्यादा इंप्रेसिव है। इससे पता चलता है कि कंपनी अपनी इक्विटी की बेस के रिलेटिव काफी अच्छे रिटर्न्स जनरेट कर पा रही है। इससे कंपनी के स्ट्रांग प्रॉफिटेबिलिटी और एफिशिएंट इक्विटी यूटिलाइजेशन का पता लगता है और इनका 8.96 रिटर्न ऑन कैपिटल एंप्लॉयड भी काफी पॉजिटिवली रिफ्लेक्ट कर रहा है। ये एक बहुत ही स्ट्रांग ऑपरेशनल एफिशिएंसी सिग्निफी करता है। इस कंपनी का नेट डेट टू इक्विटी रेशो भी कम है 0.22।
हमने इंटरनेशनल जेमोलॉजिकल इंस्टिट्यूट यानी आईजीआई के अपकमिंग आईपीओ (IPO) के बारे में जाना है। इनके कुछ की-स्टेंट्स है जैसे स्ट्रांग मार्केट पोजिशनिंग, ग्रोथ इन फाइनेंशियल रेवेन्यू, स्ट्रांग एंटरप्रेन्योरल टीम और इनके कुछ खास कंपिटेटर्स भी नहीं है।
इसे भी देखें : ममता मशीनरी IPO विस्तृत विश्लेषण
आपको बता दें कि यह आर्टिकल सिर्फ और सिर्फ एजुकेशनल पर्पस के लिए है इस आर्टिकल में दी गई कोई भी जानकारी खरीदना या बेचना रिकमेंडेशन नहीं है।
BY ANIL PAAL
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